Ghaziabad: सरकारी अस्पताल में दी जा रही दवाओं के सैंपल जांच में फेल, बनाने और बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरादनगर से लिया गया दवा का सैंपल जांच में फेल पाया गया है। औषधि निरीक्षक ने जांच रिपोर्ट शासन के अलावा सीएमओ को भेजकर उक्त दवा के वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का अनुरोध किया है।

By Madan PanchalEdited By: Publish:Sat, 03 Dec 2022 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 03 Dec 2022 06:37 PM (IST)
Ghaziabad: सरकारी अस्पताल में दी जा रही दवाओं के सैंपल जांच में फेल, बनाने और बेचने वालों पर होगी कार्रवाई
सरकारी अस्पताल में दी जा रही दवाओं के सैंपल जांच में फेल, बनाने और बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुरादनगर से लिया गया दवा का सैंपल जांच में फेल पाया गया है। औषधि निरीक्षक ने जांच रिपोर्ट शासन के अलावा सीएमओ को भेजकर उक्त दवा के वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का अनुरोध किया है। जांच में फेल दवा का नाम रेनीटीडिन टेबलेट है और एसिडिटी होने पर इसका उपयोग किया जाता है। दो अन्य दवाओं के भी सैंपल जांच में फेल हुए हैं।

औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि सीएचसी मुरादनगर से चार जून 2022 को फार्मासिस्ट रत्ना गुप्ता की उपस्थिति में रेनीटीडिन टेबलेट का सैंपल लेकर राजकीय प्रयोगशाला लखनऊ भेजा गया था। जांच में दवा अधोमानक पाई गई है। दवा का निर्माण करने वाली मैसर्स बोकेम हेल्थकेयर कंपनी उज्जैन द्वारा किया गया है।

औषधि निरीक्षक ने बताया कि लोनी और मोदीनगर से लिए गए दो अन्य दवाओं के नमूने भी जांच में फेल पाए गए हैं। दवा बनाने, बेचने और वितरण करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

सिक्किम में बनाई गई दवा नकली निकली

लोनी में राशिद द्वारा संचालित आरएस डिस्टीब्यूटर्स मेडिकल स्टोर से 23 नवंबर 2021 को औषधि विभग ने केफिक्सजाइम (क्रीसेफ) टेबलेट का सैंपल लेकर जांच को भेजा गया था। यह दवा जांच में फेल पाई गई है। जांच में पता चला है कि दवा का निर्माण सौम्या फार्मा गंगतोक, सिक्किम में किया जा रहा था लेकिन उक्त पते पर कोई कंपनी नहीं मिली है। संबंधित स्टोर को सील करते हुए दवा जब्त कर ली गई है। कंपनी को नोटिस जारी कर दिया गया है।

मोदीनगर के स्टोर से लिया गया दवा का नमूना भी फेल

मोदीनगर में शशी रानी द्वारा संचालित कैरव मेडिकोज से आठ मई 2022 को रेबीप्रोजोल कैप्सूल का नमूना लेकर जांच को भेजा गया था। जांच में नमूना अधोमानक पाया गया है। दवा कि बिक्री पर रोक लगाते हुए इस दवा की बिक्री का नेटवर्क खंगाला जा रहा है। यह दवा हिमाचल प्रदेश के सोलन में संचालित एडल बायोटेक द्वारा बनाई गई है।

ये भी पढ़ें- Ghaziabad: नर्स ने पति का घोंटा गला, बच्चों से कहा कि पापा ने की आत्महत्या

औषधि विभाग द्वारा की गई कार्रवाई का विवरण

8 सितंबर को राजनगर एक्सटेंशन में नकली होने के संदेह पर 16 लाख के ओरोफर के 497 इंजेक्शन सील किए। जांच में नकली पाए गए। 21 सितंबर को बागपत और शामली में 15 लाख रुपये की नकली दवा बरामद करते हुए दो आरोपित गिरफ्तार किए तीन नवंबर को संभल में एक करोड़ की नकली दवाएं पकड़ते हुए चार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई। 10 नवंबर को डासना में पांच लाख की नकली दवा सील करते हुए एक को जेल भेजा गया। 11 नवंबर को लोनी में दिल्ली पुलिस के सहयोग से करीब आठ करोड़ की नकली दवा पकड़ी गई। 18 नवंबर को राजेंद्र नगर में पशुओं के दी जाने वाली नकली दवा पकड़ी गई।
chat bot
आपका साथी