UP: कैदियों के बच्चों को बाइबल पढ़ाई, अब मामले में हुई एफआइआर
तीन नवंबर को National Child Protection Rights Commission की टीम ने बालिका और बालक हॉस्टल में छापेमारी कर 26 बाइबल बरामद की थीं।
गाजियाबाद [हसीन शाह]। राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (National Child Protection Rights Commission) ने उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद में कैदियों के बच्चों को बाइबल पढ़ाने पर आशा दीप फाउंडेशन संस्था के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। तीन नवंबर को आयोग की टीम ने बालिका और बालक हॉस्टल में छापेमारी कर 26 बाइबल बरामद की थीं। यह संस्था जेल जा चुके लोगों के बच्चों को स्कूल में पढ़ाती है और बच्चे संस्था के हॉस्टल में ही रहते हैं।
साहिबाबाद के शहीद नगर में आशा दीप फाउंडेशन संस्था जेम्स कांवेंट स्कूल चलाती है। इस स्कूल में नर्सरी से कक्षा दस तक की पढ़ाई होती है। स्कूल में लगभग 600 बच्चे पढ़ते हैं। इनमें 100 ऐसे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है जिनके अभिभावक जेल में हैं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग को शिकायत मिली थी कि संस्था द्वारा कैदियों के बच्चों को चोरी-छुपे बाइबल पढ़ाई जा रही है। पिछले महीने आयोग की टीम ने दोनों हॉस्टल में औचक छापेमारी की। पूरे हॉस्टल की तलाशी ली गई। बच्चों के स्कूली बैग, बेड आदि सामान की तलाशी लेने पर 26 बाइबल बरामद की गईं। आयोग ने पूरी जांच पड़ताल के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी को संस्था के खिलाफ एफआइआर कराने के आदेश दिए हैं।
पांच जेलों में बंद कैदियों के बच्चे पढ़ते हैं
तिहाड़, डासना, फरीदाबाद, गुरुग्राम और मंडोली जेल में बंद कैदियों के बच्चे यहां पर पढ़ते हैं। जेल प्रशासन की अनुमति से इन बच्चों को लाया जाता है। दस साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या ज्यादा है।
एसके चेट्टी (डायरेक्टर, आशादीप फाउंडेशन) के मुताबिक, बिना अनुमति के ही राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग की टीम बालिका हॉस्टल में घुस आई। काफी मना करने के बाद भी उन्होंने हॉस्टल की तलाशी ली। हॉस्टल में 26 बाइबल मिली। हमारे यहां पर सभी धर्मो के ग्रंथों की शिक्षा दी जाती है। मगर जबरन किसी को धार्मिक ग्रंथ नहीं पढ़ाया जाता।
वहीं,इसको लेकर विकास चंद्रा (जिला प्रोबेशन अधिकारी) ने बताया कि आशादीप फाउंडेशन के बच्चों को बाइबल पढ़ाई जा रही थी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने संस्था के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए हैं। जल्द ही साहिबाबाद थाने में संस्था के खिलाफ लिखित में शिकायत दी जाएगी।