अपर महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में लगी आग, 38 जिलों का रिकॉर्ड राख

: कलक्ट्रेट स्थित तीसरी मंजिल पर अपर महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में सोमवार सुबह अचानक आग लग गई। आग से कार्यालय में रखे कंप्यूटर समेत फर्नीचर और कई मंडलों के 3

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jan 2019 09:02 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jan 2019 09:02 PM (IST)
अपर महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में लगी आग, 38 जिलों का रिकॉर्ड राख
अपर महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में लगी आग, 38 जिलों का रिकॉर्ड राख

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कलक्ट्रेट स्थित तीसरी मंजिल पर अपर महानिरीक्षक निबंधन कार्यालय में सोमवार सुबह अचानक आग लग गई। आग से कार्यालय में रखे कंप्यूटर समेत फर्नीचर और कई मंडलों के 38 जिलों के रेवेन्यू रिकॉर्ड जलकर राख हो गया। मौके पर पहुंची दमकल की चार गाड़ियों ने एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। कलक्ट्रेट परिसर में आग से निपटने के प्रबंध नहीं थे, इसके चलते आग बुझाने में काफी समस्या भी आई। वहीं आग का कारण शार्ट सर्किट माना जा रहा है। जिलाधिकारी ने मामले की जांच डिप्टी कलक्टर प्रशांत तिवारी को सौंपी है। वह एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर डीएम को सौंपेंगे। घटना के तुरंत बाद जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी, एडीएम प्रशासन जितेंद्र कुमार शर्मा समेत अन्य अधिकारियों ने मौके का जायजा लिया।

सोमवार सुबह करीब पौने नौ बजे ट्रेजरी का एक गार्ड दूध लेने के लिए निकला तो उसने कलक्ट्रेट की तीसरी मंजिल पर कमरा नंबर 406 से धुआं उठता देखा। यह कार्यालय अपर महानिरीक्षक निबंधन पश्चिमी क्षेत्र का कार्यालय है। इसके बाद उसने नजारत के एक चपरासी रईस को मामले की जानकारी दी। रईस ने सुबह करीब नौ बजे अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद मामले की जानकारी दमकल विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची दमकल की चार गाड़ियों ने एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना में कार्यालय में रखे हुए छह कंप्यूटर, 32 कुर्सी, आठ मेज समेत अन्य फर्नीचर और रिकॉर्ड जलकर राख हो गया। एडिशनल आईजी स्टांप अर¨वद ¨सह चंदेल ने बताया कि यह कार्यालय पश्चिमी क्षेत्र का कार्यालय है और इसके अंतर्गत सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली और मेरठ मंडल के 38 जिले आते हैं। इस कार्यालय में विभागीय ऑडिट होता है। कार्यालय में पश्चिमी क्षेत्र के सभी जिलों के इंस्पेक्शन व जांच रिपोर्ट रखी गई थी जो जल गई हैं। उन्होंने बताया कि कंप्यूटर का सभी डाटा पैन ड्राइव में सुरक्षित है। आग से करीब पांच लाख रुपये कीमत के नुकसान का अंदेशा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुनील कुमार ¨सह ने बताया कि दमकल विभाग को सुबह 9:10 बजे सूचना मिली थी, इसके बाद दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर भेजकर आग पर काबू पाया गया। जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया कि मामले की जांच डिप्टी कलक्टर प्रशांत तिवारी को जांच सौंपी है। वह जांच करके रिपोर्ट बनाकर देंगे।

जर्जर हो चुके थे कार्यालय के तार

एआइजी स्टांप कार्यालय के तार पिछले लंबे समय से जर्जर हो चुके थे। इसके साथ ही कार्यालय के ऊपर पानी की टंकी होने के चलते छत व दीवारों में सीलन आई हुई थी, इससे तारों की स्थिति और खराब हो गई थी। प्रशासन द्वारा कई बार तारों को बदलवाने के लिए कहा गया लेकिन तार नहीं बदलवाए गए। यदि समय रहते तारों को बदलवा दिया गया होता तो यह नौबत नहीं आती। इसमें विभागीय अधिकारियों की लापरवाही उजागर हो रही है।

नहीं थे आग बुझाने के इंतजाम

इतना महत्वपूर्ण ऑफिस और ऑफिस में महत्वपूर्ण दस्तावेज होने के बावजूद कार्यालय में आग बुझाने के इंतजाम नहीं किए गए थे। आग बुझाने के नाम पर ऑफिस में एकाध अग्निशमन सिलेंडर रखे गए थे। वह भी कितने पुराने थे, इस बारे में कहना मुश्किल है। एआइजी स्टांप कार्यालय के साथ पूरी कलक्ट्रेट में आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी हैं।

आग के समय का नहीं चल सका पता

आग रविवार रात लगी या सोमवार सुबह, इस बारे में अभी अधिकारी पता नहीं लगा सके हैं। छुट्टी होने के कारण रविवार को कलक्ट्रेट बंद थी। आशंका यह भी जताई जा रही है कि आग रविवार रात लगी हो और गार्ड की निगाह धुंए पर सुबह गई हो। इसको लेकर भी जांच की जा रही है।

दो फायरमैन होंगे सम्मानित

जान पर खेलकर आग बुझाने वाले दमकल के दो फायरमैन को प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। आग बुझाने में विशेष योगदान देने पर जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी ने दोनों को सम्मानित करने की घोषणा की है। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर दोनों को सम्मानित किया जाएगा।

निदेशक कारखाना कार्यालय में भी पहुंची आग

एआइजी स्टांप कार्यालय में लगी आग इतनी भीषण थी इसकी चपेट में पड़ोस का निदेशक कारखाना का कार्यालय भी आग गया और इस कार्यालय में भी आग लग गई। आग से कारखाना कार्यालय की भी करीब 150 फाइल जलकर राख हो गई। यदि समय रहते आग न बुझाई गई होती तो आसपास के अन्य कार्यालय भी आग की चपेट में आ जाते।

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