संपत्ति कर के मुद्दे पर आयुक्त के खिलाफ लामबंद हो रहे पार्षद

जासं गाजियाबाद महापौर आशा शर्मा के निर्देश का अनुपालन कर नगर आयुक्त ने कोरोना के का

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 07:05 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 07:05 PM (IST)
संपत्ति कर के मुद्दे पर आयुक्त के खिलाफ लामबंद हो रहे पार्षद
संपत्ति कर के मुद्दे पर आयुक्त के खिलाफ लामबंद हो रहे पार्षद

जासं, गाजियाबाद : महापौर आशा शर्मा के निर्देश का अनुपालन कर नगर आयुक्त ने कोरोना के कारण जान गंवाने वालों के परिवार का एक साल का संपत्ति कर माफ करने की घोषणा कर दी है। अब इस फैसले पर पार्षद सवाल उठा रहे हैं। आरोप है कि बिना सदन की अनुमति के यह फैसला लिया गया है। उधर, नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि नियम के तहत आपातकाल स्थिति में सदन की अध्यक्ष महापौर से इस प्रस्ताव पर स्वीकृति मांगी गई थी, उन्होंने स्वीकृति दी तो संपत्ति कर माफ किया गया है।

15 फीसद बढ़ोतरी में राहत न देने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी:

पार्षदों की मांग थी कि शहर में संपत्ति कर पर 15 फीसद की बढ़ोतरी का फैसला वापस लिया जाए। इसकी एक वजह कोरोना के कारण उत्पन्न हुआ आर्थिक संकट तो दूसरी वजह प्रत्येक दो साल में संपत्ति कर में 10 फीसद बढ़ोतरी के प्रस्ताव का सदन से पास न होना बताया। लेकिन संपत्ति कर में 15 फीसद की वृद्धि का फैसला वापस नहीं लिया गया है। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि 2015 में सदन से प्रस्ताव पास होने के बाद ही संपत्ति कर में बढ़ोतरी की गई है। कोरोना से पीड़ित परिवारों का संपत्ति कर माफ कर उनको राहत दी गई है। डॉली शर्मा ने लिखा पत्र: कांग्रेस की नेता डॉली शर्मा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर संपत्ति कर में 15 फीसद वृद्धि का विरोध किया है। इसे जख्म पर नमक छिड़कना जैसा बताया है। उन्होंने फैसले को वापस लेने की मांग की है। उधर, पार्षद मनोज चौधरी, हिमांशु मित्तल ने इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जिसका कई पार्षद समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में अनलाक होने पर शहर में संपत्ति कर के मुद्दे के और तूल पकड़ने के आसार हैं।

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