खिदोड़ा और लोनी गोशाला मेंजल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद निर्माण कार्यों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। खिदोड़ा और लोनी में गौशालाओं का भी जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। संपूर्ण लॉकाडान के दौरान दोनों गौशालाओं का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। दोनों गौशालाओं में करीब 500 गायों को संरक्षित किया जा सकेगा। जुलाई माह में कोई भी गाय सड़क या खेत में नहीं दिखाई देगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Jun 2020 09:43 PM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:11 AM (IST)
खिदोड़ा और लोनी गोशाला मेंजल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
खिदोड़ा और लोनी गोशाला मेंजल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

जासं, गाजियाबाद : लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद निर्माण कार्यों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। खिदोड़ा और लोनी में गोशालाओं का भी जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। संपूर्ण लॉकाडान के दौरान दोनों गोशालाओं का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। दोनों गोशालाओं में करीब 500 गायों को संरक्षित किया जा सकेगा। जुलाई माह में कोई भी गाय सड़क या खेत में नहीं दिखाई देगी।

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी बिजेंद्र त्यागी ने बताया कि बताया कि जनपद के नगरीय क्षेत्र में 19 और ग्रामीण क्षेत्र सात गोशालाएं हैं। इनमें 3538 गोवंशों को संरक्षित किया गया है। शासन से प्रत्येक गाय पर 30 रुपये प्रतिदिन खर्च करने के हिसाब से बजट मिलता है। मगर इस राशि से गाय की देखरेख और चारे की व्यवस्था करना मुश्किल होता है। जब गोशाला में चारे की कमी होती है तो आम लोगों से मदद मांगी जाती है। चारा कम मिलने पर गायों की सेहत खराब हो जाती है। जिस कारण लोग खुद ही मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं। गौशालाओं में कर्मचारी उनकी देखरेख रखते हैं। कोरोना की वजह से गायों को चारा मुहैया कराने में मदद करने वालों पर गौशाला के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। कर्मचारियों को भी सैनिटाइज कर गौशाला में प्रवेश दिया जा रहा है। कर्मचारी एक दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखते हैं। अब गोशालाओं में गाय संरक्षित करने के लिए जगह नहीं बची है। सड़कों पर घूम रही गायों को संरक्षित करने के लिए खिदोड़ा और लोनी में गोशालाओं का चल रहा निर्माण कार्य बंद कर दिया गया था। मगर अब फिर से काम शुरू कराने की योजना बनाई जा ही है। दोनों गौशालाओं का निर्माण होने पर खुले में घूम रहीं गाय नहीं दिखाई देंगी। सभी गायों को संरक्षित करने के लिए अभियान शुरू किया जाएगा।

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