आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर से टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू

जागरण संवाददाता गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार देर शाम को आटोमैटिक नंबर

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 10:46 PM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 10:46 PM (IST)
आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर से टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू
आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर से टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार देर शाम को आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) सिस्टम के जरिये टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन शुरू हो गया है। निजामुद्दीन से यूपी गेट तक के हिस्से में आने-जाने वाले आठ हजार वाहनों से इस सिस्टम के जरिये टोल काटे जाने का अभ्यास किया गया। इस सिस्टम के जरिये टोल काटने की प्रक्रिया को अपनाया गया, लेकिन वाहन चालक के खाते से कोई पैसा नहीं कटा है। तकनीकी खामी के चलते वाहन चालक के मोबाइल पर जीरो कटौती का एसएमएस भी नहीं पहुंचा। इस ड्राइ रन के जरिये ट्रैक किए गए आठ हजार वाहनों के सापेक्ष 92 फीसद वाहनों में फास्टैग लगा हुआ पाया गया। दरअसल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर देश का पहला आटोमैटिक टोल प्लाजा बनाया जा रहा है। पहली बार नंबर प्लेट को स्कैन करने पर टोल टैक्स लिया जाएगा। डासना से पहले बनाया जा रहा टोल प्लाजा आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) सिस्टम पर आधारित होगा। इसके तहत फास्टैग के साथ ही नंबर प्लेट से टोल लेने का प्रावधान होगा।

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चार कैमरों ने ट्रैक किए आठ हजार वाहन

निजामुद्दीन से यूपी गेट के बीच अक्षरधाम प्रवेश पर लगाए गए चार सीसीटीवी कैमरों ने सात घंटे के भीतर दिल्ली से यूपी गेट की ओर आने वाले आठ हजार वाहनों को ट्रैक किया है। अभी पूरा डाटा बनाया जा रहा है। ट्रायल पूरी रात चलेगा। दो-तीन दिन में पहले चरण के हिस्से की सड़क पर चलने वाले एक-एक वाहन को ट्रैक किया जाएगा। इस मार्ग पर 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। दूसरे चरण के यूपी गेट से डासना तक चलने वाले वाहनों का ड्राइ रन तीन दिन बाद होगा। चौथे चरण पर इस सिस्टम का ड्राइ रन बीस दिन बाद होगा।

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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार देर शाम को आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) सिस्टम के जरिये टोल वसूली प्रक्रिया का ड्राइ रन किया गया। रात के दस बजे तक यह ड्राइ रन चला। ड्राइ रन के तहत करीब आठ हजार वाहनों की नंबर प्लेट को इस सिस्टम के जरिये सीसीटीवी कैमरों से स्कैन किया गया। इनमें से 7,360 वाहनों में फास्टैग लगा हुआ पाया गया है। पहले दिन वाहन चालक के मोबाइल पर तकनीकी खामी के चलते जीरो कटौती का एसएमएस नहीं पहुंचा है। यह ट्रायल टोल प्लाजा चालू होने तक जारी रहेगा।

- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ

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