धंसकने लगी प्रधानमंत्री आवास योजना की नींव, आवेदक परेशान

फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की नींव धंसकती जा रही है। कई आवेदकों को आवेदन के बाद भी किस्त नहीं मिली है तो कई के आवास अधूरे पड़े हैं। इसको लेकर आवेदक चिंतित नजर आ रहे हैं। कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुके हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jan 2019 11:39 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jan 2019 11:39 PM (IST)
धंसकने लगी प्रधानमंत्री आवास योजना की नींव, आवेदक परेशान
धंसकने लगी प्रधानमंत्री आवास योजना की नींव, आवेदक परेशान

केस-एक: पीएम शहरी आवास योजना के अंतर्गत खंजापुर नई बस्ती निवासी ऊषा का आवेदन तीन महीने पहले ही स्वीकृत हो गया था। इसके बाद वह तीन बार अपने अभिलेख जमा कर चुकी हैं, लेकिन अब तक उन्हें एक भी रुपया नहीं मिला है। महिला कई दिनों से भटक रही है। हर बार एक सप्ताह का आश्वासन दे दिया जाता है।

केस-2: झील की पुलिया निवासी ज्ञान देवी काआवेदन होने के बाद पांच महीने पहले सर्वे भी हो गया। लेकिन, पहली किश्त अब तक नहीं मिली है। विभाग कई बार बैंक पासबुक और आधार कार्ड की फोटोस्टेट भी ले चुका है।

फोटो-आठ

राजीव शर्मा, फीरोजाबाद: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना की नींव ही धंसकने लगी है। जोर-शोर से शुरू हुई इस योजना के लिए एक वर्ष से सरकारी खजाने का मुंह ही नहीं खुल पाया है। करीब 26 हजार लोग मकान की आस में अपनी झोपड़ी भी सही नहीं करा पा रहे हैं तो तमाम के यहां या तो दीवारें अधूरी हैं या फिर छत नहीं बन पाई है।

जिले में एक वर्ष में करीब 32 हजार परिवारों का चयन हो चुका है। प्रशासन से लेकर शासन तक से स्वीकृति भी मिल चुकी है। योजना की रफ्तार का आलम ये है कि अब तक सिर्फ 1450 परिवारों के लिए ही मकान बन पाए हैं। पहली किश्त के रूप में 50-50 हजार रुपये का भुगतान केवल 6500 लाभार्थियों को ही हुआ है। दूसरी ओर आखिरी किश्त तो लंबे समय से रुकी हुई है। तकरीबन 26 हजार परिवार मकान के इंतजार में हैं।

आवेदन प्रक्रिया भी ठप

ऑनलाइन प्रक्रिया करीब दो महीने से बंद हो चुकी है। लोग पूरे-पूरे दिन जनसेवा केंद्रों पर बैठे रहते हैं, लेकिन साइट ही नहीं खुलती। अब विभाग में ऑफलाइन प्रक्रिया भी बंद हो गई है। कार्यालय से रोजाना दर्जनों लोग बैरंग ही लौट जाते हैं।

दलालों को रोकने के लिए आवेदन प्रक्रिया में सख्ती कर दी है। अब आवेदक के आने पर ही फॉर्म जमा किए जा रहे हैं। 750 लोगों को दूसरी और पांच हजार आवेदकों को तीसरी किश्त बहुत जल्द मिल जाएगी।

अनुपम गर्ग, परियोजना अधिकारी डूडा

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