सीएए उपद्रव में इंस्पेक्टर की पिस्टल लूटने वाला हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार- फोटो- 12

अपहरण और हत्या में आजीवन कारावास की सजा में छूटा था पैरोल पर इंस्पेक्टर नारखी पर हमला बोल लूटी थी पिस्टल 11 माह बाद हुई बरामद।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 05:04 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 05:04 AM (IST)
सीएए उपद्रव में इंस्पेक्टर की पिस्टल लूटने वाला हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार- फोटो- 12
सीएए उपद्रव में इंस्पेक्टर की पिस्टल लूटने वाला हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार- फोटो- 12

- अपहरण और हत्या में आजीवन कारावास की सजा में छूटा था पैरोल पर

- इंस्पेक्टर नारखी पर हमला बोल लूटी थी पिस्टल, 11 माह बाद हुई बरामद

जागरण संवाददाता,फीरोजाबाद: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शहर में हुए उपद्रव में इंस्पेक्टर नारखी की लूटी गई सरकारी पिस्टल 11 महीने बाद पुलिस ने बरामद कर ली। पिस्टल लूटने वाला शहर का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था और आजीवन कारावास की सजा में पैरोल पर छूटा था। पुलिस ने आरोपित को जेल भेज दिया है।

सीएए के विरोध में बीते 20 दिसंबर को शहर के नालबंद, रसूलपुर, जाटवपुरी, नगला बरी और आसपास के इलाकों में जमकर उपद्रव हुआ था। आगजनी और फायरिंग के बीच छह लोगों की जान भी गई थी। वहीं उपद्रवियों ने पुलिस पर जानलेवा हमला किया था। रसूलपुर क्षेत्र में नैनी ग्लास के पास ड्यूटी कर रहे तत्कालीन इंस्पेक्टर नारखी ब्रजेश सिंह पर उपद्रवियों ने हमला बोलकर सरकारी पिस्टल लूट ली थी। 11 महीने तक पुलिस पिस्टल की तलाश में जुटी रही, लेकिन पता नहीं चला। इंस्पेक्टर रसूलपुर फतेह बहादुर सिंह भदौरिया ने बताया कि पुलिस ने सीएए उपद्रव में शामिल लोगों की धरपकड़ के दौरान गली नंबर पांच रसूलपुर निवासी हसीन उर्फ यासीन को गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से लूटी गई पिस्टल बरामद हुई है। हसीन के खिलाफ थाना रामगढ़, रसूलपुर और मक्खनपुर में विभिन्न धाराओं में 14 मुकदमे हैं। वहीं दक्षिण पुलिस ने भी मंगलवार को मुहल्ला कुरैशियान निवासी उपद्रवी यामीन को जेल भेजा। - अपहरण और हत्या में आजीवन कारावास, मई में मिला था पैरोल

इंस्पेक्टर रसूलपुर ने बताया कि उपद्रवी हसीन ने 28 फरवरी 2015 को अपने साथियों के साथ मिलकर मक्खनपुर के इंदुमई निवासी जगदीश सिंह का अपहरण कर हत्या कर दी थी। इस मामले में जगदीश के बेटे उपेन्द्र प्रताप सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। 21 दिसंबर 2018 को हसीन को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। वह 31 मई 2019 को पैरोल पर रिहा हुआ था। इसके बाद उपद्रव में शामिल हुआ।

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