जातीयता का 'दाग' धोने आगे आया गांव

संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद, (फीरोजाबाद): चंद तत्वों की वजह से शहादत पर लगे जातीयता के ग्रहण को मिटाने क

By Edited By: Publish:Wed, 29 Jun 2016 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jun 2016 11:43 PM (IST)
जातीयता का 'दाग' धोने आगे आया गांव

संवाद सहयोगी, शिकोहाबाद, (फीरोजाबाद): चंद तत्वों की वजह से शहादत पर लगे जातीयता के ग्रहण को मिटाने के लिए अब गांव एकजुट हो गया है। ग्रामीण स्वीकार रहे हैं कि मेले वाली जमीन को छोड़ने के लिए ग्रामीणों ने उस वक्त आग्रह किया था, लेकिन अब जमीन पर कोई भी विवाद नहीं है। उनका कहना है कि शहीद वीर¨सह ने गांव का नाम बढ़ाया है। लिहाजा, गांव का नाम शहीद वीर¨सह नगला केवल रखा जाना चाहिए। ग्रामीणों ने शहीद के परिजनों की लड़ाई खुद लड़ने का फैसला लिया है।

शहीद वीर¨सह के परिजन व्यथित हैं, गांव के उन लोगों की वजह से, जो बेवजह जली-भुनी बातें करते हैं। ऐसे लोगों की संख्या भी ज्यादा नहीं। इस व्यथा को जागरण ने बुधवार के अंक में प्रकाशित किया, तो इन तत्वों की वजह से लगे जातिवाद के दाग को धोने के लिए गांव के कई प्रमुखजन आगे आए हैं। कंथरी में बुधवार को पूर्व प्रधान उदय ¨सह यादव की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा हुई, जिसमें ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार तथा प्रशासन से मांग की कि ग्राम पंचायत कंथरी में 200 बीघा ग्रामसभा की जमीन है, इसमें से 30 बीघा जमीन शहीद की पत्नी तथा बच्चों के नाम कर दी जाए। शहीद के पुत्र-पुत्री को नौकरी दी जाए। साथ ही चेतावनी दी कि शहीद का परिवार अकेला नहीं है। प्रशासन ने अगर ये मांगें नहीं मानीं, तो ग्रामीण अनशन पर बैठेंगे। जमीन पर अब किसी भी विवाद को नकारते हुए ग्रामीणों ने कहा, गांव की जनता चाहती है शहीद वीर¨सह के नाम से मेला लगाया जाए।

बैठक में संजय ¨सह, देशदीपक, योगेश यादव, अनुज प्रताप ¨सह, राजेश यादव, बदन ¨सह, बल्लन तिवारी, कालीचरन, सौरभ यादव, रतनेश यादव, मिलाप ¨सह, अजंट ¨सह चौधरी, राजपाल बघेल, सुभाष यादव, नीरज यादव, सरजू यादव, भोले शंकर, वीरेश यादव, पंजाबी कठेरिया, सत्यवीर, ¨टकू यादव, रामखिलाड़ी यादव, विकास यादव और राजकुमार उपस्थित थे। हालांकि शहीद वीर¨सह के गांव में बुधवार को कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा। पुलिस एवं प्रशासन के अफसरों ने भी गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार की सुधि नहीं ली है। आसपास के गांवों के प्रधान एवं ग्रामीण शहीद के घर पहुंचकर परिजनों को ढाढ़स बंधा रहे हैं।

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पत्नी ने नहीं खाया खाना, दे रहे तरल पदार्थ

वीर¨सह की शहादत के पांचवें दिन भी उनकी पत्नी प्रीतादेवी गहरे सदमे में हैं। परिवार और पड़ोस की महिलाएं उन्हें ढाढ़स बंधा रही हैं, लेकिन पति की याद में रोते-रोते वह अचेत हो जाती हैं। चार दिन से प्रीता देवी ने खाना भी नहीं खाया है। उन्हें जूस वगैरह तरल पदार्थ जबरन दिया जा रहा है।

प्रदेश सरकार की घोषणा का स्वागत

समाचार पत्रों एवं टीवी चैनलों पर आतंकी हमले में शहीद होने वालों को प्रदेश सरकार द्वारा 20-20 लाख रुपये की घोषणा का शहीद के पिता रामसनेही ने स्वागत किया है। हालांकि अभी तक उन्हें कोई लिखित जानकारी नहीं मिली है। उनका कहना है कि सिर्फ टीवी चैनल पर भी इसके बारे में सुना है।

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