ऑनलाइन शॉपिग से टूट रही किराना कारोबार की कमर

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना काल के बाद महंगाई को मानों उड़ान के पंख लग गए हों।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 11:43 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 11:43 PM (IST)
ऑनलाइन शॉपिग से टूट रही किराना कारोबार की कमर
ऑनलाइन शॉपिग से टूट रही किराना कारोबार की कमर

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना काल के बाद महंगाई को मानों उड़ान के पंख लग गए हों। सर्दी में चाय की चुस्की महंगी पड़ रही है। प्रति किग्रा 100 से 120 रुपये का इजाफा हुआ है इसी तरह सरसों का तेल 90 रुपये से उछल कर 140 रुपये प्रति किग्रा पर जा पहुंचा है। इसी तरह अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं। कंपनियों ने किसी पैकेट का वजन कम कर दिया है तो किसी में नए बढ़े हुए दाम डाल रखे हैं। किराना कारोबारियों का कहना है कि महंगाई से खरीदारी प्रभावित हो रही है। जिसका असर व्यापार में पड़ रहा है। दाम बढ़ोत्तर को लेकर खरीदार उलझ जाते हैं। केंद्रीय बजट में रसोई को राहत देने की जरूरत है। रसोई के सामान में टैक्स बढ़ोत्तरी के बजाए राहत दिए जाने के कदम उठाने होंगे। आम आदमी की कमाई का जरिया प्रभावित हुआ है। लोगों की जेब खाली है अगर इसमें राहत मिलती है तो सीधे जनता लाभान्वित होंगी और कारोबार को भी पंख लगेंगे। ----------------------------------------------

खाद्य नियंत्रण के लिए कानून बने

किराना कारोबार से जुटे लोगों का कहना है कि केंद्रीय बजट में खाद्य नियंत्रण बिक्री बोर्ड गठित हो। किराना व्यापार में महंगाई नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं। इससे कारोबार में चार चांद लगेंगे और कारोबार चमकेगा। कंपनियां जब चाहती हैं तब दाम बढ़ा देती हैं जिसके चलते आम जनता प्रभावित होती है। केंद्रीय बजट में ऐसे नियमों की दरकार है। टैक्स में बढ़ोत्तरी के बजाए कमी किए जाने की जरूरत है। -------------------------------------------

ऑनलाइन शॉपिग से बचाना होगा कारोबार

संचार क्रांति के चलते ऑनलाइन शॉपिग की भरमार है। लोग घर बैठे खाद्य वस्तुएं खरीद रहे हैं। दुकानों में महंगा और ऑनलाइन में सस्ता मिल रहा है। जिससे परंपरागत किराना कारोबार दिनों दिन टूटता जा रहा है। ऑनलाइन शॉपिग में विदेशी कंपनियां हावी हो गई हैं। देश का सामान देश की जनता के हाथ बेंच कर करोड़ों कमा रही है। केंद्रीय बजट में देश के पुराने व्यापार को बचाने के लए िकदम उठाने होंगे।

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- किराना में महंगाई सीधे जनता से जुड़ी होती है। हर सप्ताह दामों में उछाल आता है जिसके चलते लोग प्रभावित हो रहे हैं। मूल्यों में नियंत्रण होना चाहिए। अमित कुमार गुप्ता - महंगाई में रोक लगाने का काम केंद्रीय बजट में होना चाहिए। खुदरा व्यापारी थोक और कंपनियों पर आधारित होता है। महंगाई का झंझट सबसे ज्यादा खुदरा व्यापारी उठाता है। मदन गुप्ता - कोरोना काल को देखते हुए खाद्य वस्तुओं में टैक्स की बढ़ोत्तरी के बजाए कमी की जानी चाहिए। नियमों से जिस तरह से खुदरा व्यापार को बांधा गया है उसी तरह से जनता को भी राहत से बांधा जाए। नवनीत केशरवानी - मार्च माह से तमाम वस्तुओं में 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कैसे हुई इसकी जांच सरकार को करनी चाहिए। बढ़ोत्तरी रोकते हुए टैक्स में राहत दी जानी चाहिए राहुल पुरवार

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