वेंटिलेटर पर सीएचसी की सेवाएं, विशेषज्ञ न होने से नहीं मिलता इलाज

जागरण संवाददाता फतेहपुर 20 साल पहले गंगा कटरी के 43 गांवों को उपचार सुविधा देने के

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 07:25 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 07:25 PM (IST)
वेंटिलेटर पर सीएचसी की सेवाएं, विशेषज्ञ न होने से नहीं मिलता इलाज
वेंटिलेटर पर सीएचसी की सेवाएं, विशेषज्ञ न होने से नहीं मिलता इलाज

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : 20 साल पहले गंगा कटरी के 43 गांवों को उपचार सुविधा देने के लिए बनी सीएचसी हुसेनगंज खुद ही वेंटिलेटर पर सांसें गिन रही है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक न होने से महिलाओं, बच्चों से संबंधित रोगों का उपचार नहीं मिलता। गजब यह है कि यहां बीते पांच साल से आपरेशन थियेटर में ताला बंद है, ऊपर से तुक्का यह है कि यहां दो साल से वार्ड ब्वाय और स्वीपर तक की तैनाती नहीं है। अब ऐसे में यहां उपचार क्या होता होगा यह खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

गंगा कटरी क्षेत्र के गांवों में संक्रामक बीमारियां सीजन में फैलना आम बात है, लेकिन गंगा कटरी के गांवों डाक्टरों के अभाव में उपचार नहीं मिल पाता है। दरअसल यहां पर आठ डाक्टरों के स्वीकृत पद हैं। यहां चिकित्सा अधीक्षक के अलावा चार डाक्टर तैनात हैं, लेकिन यहां के एक चिकित्सक जिला अस्पताल में अटैच है, जिससे अब तीन डाक्टरों के कंधे पर ही उपचार का भार है। 30 बेड के इस अस्पताल में वर्षों से कभी ऐसा नहीं हुआ जब सभी बेड भरे रहे हों। यहां दो से तीन बेडों पर मरीज भर्ती होते हैं, बाकी बेड खाली पड़े रहते हैं। इसलिए विशेषज्ञ उपचार पर संकट

सीएचसी हुसेनगंज में अर्थोपैडिक सर्जन (हड्डी टूटने पर उपचार करने वाला), एनेस्थीटिक(बेहोशी डाक्टर), सर्जन (आपरेशन करने वाले चिकित्सक), पीडियाट्रिक (बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक), गाइनोलाजिस्ट (स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक) के पद स्वीकृत तो हैं लेकिन उनकी तैनाती यहां पर नहीं है। यहां सामान्य एमबीबीएस चिकित्सक सर्दी, जुकाम व बुखार तक सीमिति है। अस्पताल में संसाधन की स्थिति

सीएचसी की इमारत बनी हैं, यहां जनरेटर, प्रसव कक्ष, विद्युतीकरण व डाक्टर आवास निर्मित है। लेकिन चिकित्सा अधीक्षक डा. कमलेश कुमार और डा. राघवेंद्र सिंह राघव के अलावा कोई चिकित्सक नहीं रूकते हैं। यहां तैनात चिकित्सक डॉ अभिरंजिता पांडेय व डा. अंजली गुप्ता आवागमन के आधार पर नौकरी चला रहीं हैं। मांग करते करते थक गए स्टाफ नहीं मिला- अधीक्षक

सीएचसी के अधीक्षक डा. कमलेश कुमार का कहना है कि उन्होंने आठ बार उच्च अधिकारियों को पत्राचार किया है। बावजूद इसके आज तक विशेषज्ञ चिकित्सक तो क्या स्वीपर और वार्ड ब्वाय तक के पद नहीं भरे गए हैं। ऐसे में सफाई व्यवस्था का कार्य किराये के मजदूर बुलाकर साप्ताहिक कराया जाता है। क्योंकि बिना सफाई अस्पताल में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। स्टाफ की स्थिति जानें

आठ डाक्टरों के सापेक्ष यहां चार डाक्टर कम हैं। वार्ड ब्वाय के तीन और स्वीपर के दो पदों के सापेक्ष कोई भी तैनाती नहीं है। नियमित स्टाफ नर्स के कुल तीन पदों के सापेक्ष एक भरा है, दो खाली है। संविदा स्टाफ नर्स की सीटें है तैनाती सिर्फ एक की है। स्टाफ न होने के कारण यहां उपचार पर असर पड़ता है। सीएचसी पंगु तो मुख्यालय सहारा

गंगा कटरी क्षेत्र की एक मात्र सीएचसी होने के बाद भी यह पूरी तरह से पंगु है। इसका खामियाजा यहां के मरीजों और बीमारों को झेलना पड़ता है। कई बार यहां गंभीर हालत में पहुंचे मरीजों ने दम तोड़ दिया है, अब तो गंभीर हालत वाले मरीज यहां जाते ही नहीं है वह अपना समय तोड़ना नहीं चाहते और सीधे जिला अस्पताल पहुंचते हैं। जिले में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, शासन से मांग की गई है। विशेषज्ञ चिकित्सक मिलने पर यहां भी दिए जाएंगे। कोविड के दौरान यहां के एक चिकित्सक को जिला अस्पताल अटैच किया गया था, अब उसे वापस उसी स्थान पर भेजा जाएगा। कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

डा. गोपाल माहेश्वरी, सीएमओ

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