'आईसीयू' में आयुर्वेदिक अस्पताल, आवास खंडहर

संवाद सूत्र, हसवा : ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने में आयुर्वेदिक अस्पताल फेल साबित ह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 11:37 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 11:37 PM (IST)
'आईसीयू' में आयुर्वेदिक अस्पताल, आवास खंडहर
'आईसीयू' में आयुर्वेदिक अस्पताल, आवास खंडहर

संवाद सूत्र, हसवा : ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने में आयुर्वेदिक अस्पताल फेल साबित हो रहे हैं। तैनात चिकित्सक कभी कभार ही अस्पताल पहुंचकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। जोनिहां के बाद हसवा कस्बा स्थित आयुर्वेदिक अस्पताल की भी स्थिति बेहद दयनीय है। यहां पर तैनात चिकित्सक दूसरे जनपद में संबद्ध हैं। अस्पताल को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया गया है। यहां एक फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय मरीजों को नीली-पीली गोली देकर टरकाते रहते हैं। मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ हरदम मिले, इसके लिए चिकित्सकों के आवास की भी व्यवस्था की गई थी। करीब तीन दशक पहले निर्मित कराए गए आवास पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गए हैं। ग्रामीणों की मानें तो इन आवासों पर अब तक कोई भी चिकित्सक कभी नहीं रुका और वीरानगी की जद में रहे आवासों के दरवाजा, खिड़की तक चोर उखाड़ ले गए और विभाग इस आवास को जर्जर मान रहा है। इसे ध्वस्त कराकर नए आवास बनवाने की बात विभाग द्वारा कही जा रही है।

अभी हाल ही में जोनिहां के आयुर्वेदिक अस्पताल का गोरखधंधा प्रकाश में आया था, जहां तैनात चिकित्सक एडवांस में मरीज देखकर कागजी खानापूरी कर रहे हैं। वहीं एडवांस में हाजिरी लगाकर पूरी व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं। वहीं हसवा कस्बा में चल रहे आयुर्वेदिक अस्पताल के भी हाल ऐसे ही हैं। यहां पर करीब एक वर्ष पहले डा. दीपक सोनी की तैनाती बतौर प्रभारी चिकित्साधिकारी के पद पर हुई थी। लेकिन कुछ दिन ही वे अस्पताल पहुंचे, करीब एक वर्ष होने को हैं जब उन्होंने अपने आपको शासन स्तर से जुगाड़ कर हड़िया प्रयागराज के अस्पताल में संबद्ध करवा लिया और तब से यह अस्पताल फार्मासिस्ट व वार्ड ब्वाय के सहारे ही चल रहा है। इस अस्पताल में फार्मासिस्ट के पद पर सभापति तो वार्ड ब्वाय के पद कौशलेश प्रसाद पांडेय तैनात हैं। क्या कहते हैं जिम्मेदार

'वर्ष 1988-89 में हसवा में चिकित्सक आवास का निर्माण करवाया गया था, जो पूर्णत: खंडहर में तब्दील हो गया है। अब इस आवास की मरम्मतीकरण नहीं हो सकती है। इसे ध्वस्त कर नए आवास निर्माण के लिए प्रपोजल बनाकर शासन को भेजा जाएगा। यहां पर तैनात चिकित्सक शासन के निर्देश पर हंडिया में सम्बद्ध थे, जो वर्तमान समय में प्रयागराज कुंभ ड्यूटी में हैं।'

- सुधीर रंजन, आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ग्रामीणों की जुबानी

'जब से आवास बने, यहां पर कोई डाक्टर नहीं रुका, जिससे आवास पूरी तरह से खंडहर हो गये। अब तो इनके दरवाजे-खिड़की भी चोर उखाड़ ले गए हैं।'

- दिलीप मौर्य

'चिकित्सक के न होने से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। फार्मासिस्ट नीली-पीली गोली देकर टरका देते हैं।'

- प्रदीप केशरी

'आवास जब से बने कोई नहीं रहा, जिससे यह हरदम वीरान पड़ा रहा और चोर-उचक्कों के रुकने का अड्डा बना हुआ है।'

- संतोष वर्मा

'कई बार विभागीय अधिकारियों के अलावा जिलाधिकारी से भी शिकायत की लेकिन कोई भी डाक्टर की तैनाती नहीं की गई और न ही इन आवासों पर कभी कोई चिकित्सक व अन्य स्टाफ ने अपना आवास बनाया।'

- आनंदपाल ¨सह, प्रधान प्रतिनिधि

chat bot
आपका साथी