हरसिंहपुर कायस्थ में झोपड़ियों में भरा बाढ़ का पानी

संवाद सहयोगी अमृतपुर गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंहपुर कायस्थ व तीसराम की मड़ैया में बाढ़ का पानी भर गया है। झोपड़ियों में पानी भर जाने से ग्रामीणों ने सामान निकालकर ऊंचे स्थानों पर डेरा जमा लिया है। संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। गंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिदु के करीब 136.55 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा का चेतावनी बिदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। नरौरा बांध से गंगा में 4

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Sep 2019 10:31 PM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 06:21 AM (IST)
हरसिंहपुर कायस्थ में झोपड़ियों में भरा बाढ़ का पानी
हरसिंहपुर कायस्थ में झोपड़ियों में भरा बाढ़ का पानी

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंहपुर कायस्थ व तीसराम की मड़ैया में बाढ़ का पानी भर गया है। झोपड़ियों में पानी भर जाने से ग्रामीणों ने सामान निकालकर ऊंचे स्थानों पर डेरा जमा लिया है। संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी बहने से आवागमन बाधित हो गया है। गंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी बिदु के करीब 136.55 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा का चेतावनी बिदु 136.60 मीटर पर दर्ज है। नरौरा बांध से गंगा में 48653 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटकर 134.90 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली व रामनगर से रामगंगा में 4176 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

गंगा की बाढ़ का पानी हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर व तीसराम की मड़ैया गांव में भर गया है। हरसिंहपुर कायस्थ गांव के सुखदेव, रामचंद्र, हेतराम, महाराम व नेकराम की झोपड़ियों में बाढ़ का पानी भर गया है। जिससे पीड़ित झोपड़ियों से सामान निकालकर ऊंचे स्थान पर पालीथिन के नीचे गुजर कर रहे हैं। गांव के संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी तीन फिट बहने से आवागमन बाधित है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकल रहे हैं। तीसराम की मड़ैया गांव के निकट कटान होने से ग्रामीण भयभीत हैं। गांव के निकट गंगा की धार का रुख बरेली हाईवे की ओर हो गया है। इससे बरेली हाईवे के कटने की आशंका है। प्राथमिक स्कूल का भवन धार की जद में है। रसोई घर पहले ही बह चुकी है। सिचाई विभाग ने स्कूल को कटने से बचाने के लिए बैंबू ब्रेसिग बनाई, लेकिन कटान नहीं रुक सका। गांव के मंजीत बताते हैं कि बैंबू ब्रेसिग तीन वर्ष से बनाई जा रही हैं, लेकिन कटान नहीं रुक सका। गांव के मकान भी गंगा की धार की जद में आने से ग्रामीण भयभीत हैं।

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