17 दिन में 1700 रुपये क्विंटल लुढ़का आलू का भाव

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद पाले किसानों को आलू का भाव रोज झ्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:20 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 10:20 PM (IST)
17 दिन में 1700 रुपये क्विंटल लुढ़का आलू का भाव
17 दिन में 1700 रुपये क्विंटल लुढ़का आलू का भाव

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद पाले किसानों को आलू का भाव रोज झटका दे रहा है। किसान का नया आलू 1700 रुपये प्रति क्विटल बिका हो, मगर स्थानीय फुटकर बाजार में अभी भी यह 2000 से 2500 रुपये प्रति क्विटल तक है। फुटकर दुकानदारों का कहना है कि आढ़ती का कमीशन भी देना होता है। मंडी का भाड़ा लगता। कच्चे आलू में मिट्टी भी निकलती है। फुटकर बाजार में ग्राहक आलू छांटकर लेता है। इस कारण इसके दाम कुछ ज्यादा रखने होते हैं।

पिछले 17 दिन में नए आलू का भाव 1700 रुपये प्रति क्विटल तक गिरा। 18 नवंबर को 3400 रुपये भाव था। सातनपुर मंडी में आलू की आवक रोज बढ़ रही है। शनिवार को भी करीब 125 ट्रक आलू की बिक्री हुई, जिसे बिहार, झारखंड, असोम सहित प्रदेश के पूर्वी जिलों के लिए लोड किया गया। भाव गिरने की स्थिति तब है जब दूसरे प्रांतों से मांग अच्छी आ रही है। सातनपुर मंडी में नए आलू की बिक्री 18 नवंबर को शुरू हुई थी। उस दिन 25 पैकेट आलू बिक्री के लिए आया था, जो 3400 रुपये क्विंटल बिका था। हालांकि अभी तौल शुरू नहीं हुई है। औसतन 50 किलो आलू का पैकेट बिना तौले बिक रहा है। 25 नवंबर के बाद से आलू की आवक बढ़ गई। इसी के साथ भाव में रोज 100 से 200 रुपये गिरावट शुरू हुई। शनिवार को 1400 से 1700 रुपये क्विंटल आलू की बिक्री हुई। आलू आढ़ती एसोसिएशन अध्यक्ष रिकू वर्मा ने बताया कि पिछले वर्षों में एक से पांच दिसंबर तक आलू की इतनी आवक कभी नहीं हुई। भाव गिरने से बाहर लोडिग करने वाले व्यापारियों को भी झटका लगा है।

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आलू में रोग लगा तो किसानों को लगेगा बड़ा झटका

फिलहाल आलू में कोई रोग नहीं है। पैदावार भी ठीक है। कोहरा पड़ने के साथ ही आलू में झुलसा आदि रोग लगने की आशंका बढ़ जाती है। दवा छिड़कने से लागत मूल्य भी बढ़ता है।

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भाव गिरने से किसान मायूस

पांच बीघा खेत में आलू की फसल बोई है। बीज की महंगाई से पैदावार तक लागत मूल्य बढ़ता चला गया। अब भाव में गिरावट से बचत नाममात्र की आ रही है।

-श्रीराम, गांव बरतल नवाबगंज इस बार आलू बीज महंगा था, जिससे लागत मूल्य बढ़ गया। भाव में गिरावट से किसान आलू बेचकर गेहूं की फसल बोने की तैयारी कर रहे हैं।

-चंद्रपाल, गांव डबौआ तीन एकड़ में अगैती आलू की बोवाई की थी। करीब दो लाख रुपये लागत लगी। 1500 रुपये पैकेट के भाव से 600 पैकेट आलू मंडी में बेचा था, जिससे अच्छी बचत हो गई।

प्रभाकर त्रिवेदी, गांव कुम्हरौर अमृतपुर चार बीघा खेत में आलू बोया था, करीब 35 हजार रुपये लागत आई। खोदाई में 80 पैकेट आलू निकला है। आलू की बिक्री के बाद पता चलेगा कि कितनी बचत हुई है।

-सतेंद्र सिंह, निवासी गांव हरसिगपुर भाव अच्छा रहने से चार एकड़ में अगैती आलू बोया था। अब भाव में गिरावट के चलते आलू की खोदाई रोक दी है। भाव अच्छा होने पर ही आलू बेचेंगे।

-बृजमोहन सिंह, निवासी गांव हरसिगपुर बीज महंगा होने से लागत बढ़ गई। भाव में गिरावट चिता की बात है। यदि इसी तरह गिरावट रही तो नुकसान तय है।

भूपेंद्र सिंह, निवासी अमृतपुर

जिले में आलू की स्थिति पर एक नजर

रकबा - 42 हजार हेक्टेयर।

अनुमानित उत्पादन - 13 लाख मीट्रिक टन।

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