टूर और मेले के धन में घपले की जांच

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : राज्य परियोजना निदेशक शीतल वर्मा के निर्देश पर एडी बेसिक सतीश कुमार ति

By Edited By: Publish:Thu, 28 May 2015 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2015 05:11 PM (IST)
टूर और मेले के धन में घपले की जांच

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता : राज्य परियोजना निदेशक शीतल वर्मा के निर्देश पर एडी बेसिक सतीश कुमार तिवारी के नेतृत्व में जांच समिति ने गुरुवार को कस्तूरबा छात्राओं के टूर व आरटीई मेले की धनराशि में घपले की जांच शुरू कर दी। जिले के सभी 5 कस्तूरबा स्कूलों की वार्डन व शिक्षिकाओं के बयान लिए। सर्व शिक्षा के जिला परियोजना कार्यालय में रिकार्ड भी खंगाले।

परियोजना निदेशक को शिकायत भेजने वाले नवदिया निवासी पप्पू ने एडी बेसिक से कहा कि 31 मार्च को फतेहगढ़ क्लब में आयोजित आरटीई मेले में टेंट व कुर्सी आदि के 28 हजार रुपये बिल के सापेक्ष उन्हें 18 हजार का भुगतान किया गया। जबकि चाय-समोसे के नाम पर 29 हजार रुपये का खेल कर लिया गया। मालूम रहे कि चाय नाश्ते का बिल विकलांग बच्चों के शिविरों में वित्तीय अनियमितता व घपले के आरोपी जिला समंवयक राजेश वर्मा ने प्रमाणित किए थे। जिले के 5 कस्तूरबा विद्यालयों की 303 छात्राओं को 4 व 6 अप्रैल को आगरा व फतेहपुर सीकरी का शैक्षिक भ्रमण कराने पर खर्च में गोलमाल की शिकायतों की भी जांच की गई। टूर के लिए 5 लाख रुपये आए थे। इनमें से एक लाख 98 हजार तीन सौ रुपये खर्च दिखाए गए। शिकायत है कि एक समय का खाना स्कूलों से बनकर गया था, परंतु इसका भी पैसा निकाल लिया गया। कस्तूरबा स्कूलों में आवश्यक सामग्री व संसाधन उपलब्ध कराने के बजाए वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर 50 लाख से अधिक धनराशि वापस कर देने के ¨बदु पर भी जांच की गई। वार्डन ने कहा कि छात्राओं को नाइट सूट नहीं दिए गए। घर पर पहनने के लिए कपड़े भी नहीं मिले। चादरें नहीं दी गईं। मानदेय वृद्धि का एरियर नहीं मिला। नवाबगंज में 90 में 32 छात्राएं टूर पर ले जाई गईं। बीएसए ने कहा कि फिजूल खर्ची रोकी गयी। अवशेष धन वापस भेज दिया। एडी बेसिक ने कहा कि धनराशि उपयोग के लिए आती है। जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। कानपुर देहात के एओ चरन मधुकर शुक्ला व आशीष चौहान भी जांच टीम में रहे।

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