आस्था देखिए..35 नहीं अयोध्या पहुंचे 50 से अधिक जनकपुरवासी
फैजाबाद : अयोध्या से जनकपुर के संबंध की मधुरता युगों बाद भी कायम है। माता सीता के विवाहोप
फैजाबाद : अयोध्या से जनकपुर के संबंध की मधुरता युगों बाद भी कायम है। माता सीता के विवाहोपरांत जनकपुर से अयोध्या के जुड़े रिश्ते को आज भी जनकपुरवासी पूरी आस्था से निभा रहे हैं। माता सीता के मायके से उनकी ससुराल पहुंचे जनकपुरवासियों का उत्साह उनके रामनगरी के प्रति समर्पण का भी साक्षी बना। नेपाल से अयोध्या आने की प्रबल इच्छा के आगे पूर्व निर्धारित सभी योजनाएं जनकपुरवासियों की आस्था के सामने टिक नहीं सकीं। पुराने रिश्तों के नए सफर की शुरुआत को भी जनकपुरवासियों ने पूरी शिद्दत से निभा कर एक अच्छे संबंधी होने का उदाहरण प्रस्तुत किया। इसे अयोध्या के प्रति अटूट आस्था की मिसाल ही कहेंगे कि 35 के स्थान पर 50 से अधिक जनकपुरवासी रामनगरी के दर्शन को पहुंचे। पहले से तय था कि नेपाल से अयोध्या आ रही जनकपुर-सीतामढ़ी-अयोध्या बस सेवा के पहले फेरे में नेपाल के 35 विशिष्ट लोग ही शामिल होंगे। मित्र देश के मेहमानों के स्वागत सत्कार की व्यवस्था भी इसी के मुताबिक की गई थी, लेकिन शुक्रवार देर शाम अचानक यह जानकारी मिली कि नेपाल से एक नहीं बल्कि दो बसें आ रही हैं। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 35 सीट वाली बस के अतिरिक्त 22 अन्य यात्रियों को लेकर एक और बस रामनगरी पहुंची। हालांकि प्रदेश सरकार के रोडवेज महकमे की ओर से अवध डिपो की एक बस स्पेयर के तौर पर नेपाल भेजी गई थी, लेकिन उसकी आवश्यकता नहीं पड़ी। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर रातों-रात जिला प्रशासन को विश्राम व खानपान के लिए इंतजाम बढ़ाने पड़े। यात्रियों के सत्कार में जिला प्रशासन के साथ रोडवेज व परिवहन विभाग के अधिकारी भी कंधे से कंधा मिला कर खड़े नजर आए। शनिवार की सुबह जनकपुर से चलकर मैत्री बस अयोध्या पहुंची तो नजारा काफी भावुक कर देने वाला दिखा। अयोध्या और जनकपुर के बीच पुराने संबंध ताजा हुए। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके शर्मा ने बताया कि नेपाल से 35 यात्रियों के साथ 22 यात्री एक अतिरिक्त बस से अयोध्या पहुंचे। प्रशासन की ओर से उनके विश्राम आदि की व्यवस्था की गई है। यात्री काफी उत्साहित दिखे।