टीबी के गंभीर मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा आगरा या लखनऊ

संवाद सहयोगी सैफई उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के माइक्रोबायलॉजी विभाग में नव निर्मित क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 06:27 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 06:34 PM (IST)
टीबी के गंभीर मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा आगरा या लखनऊ
टीबी के गंभीर मरीजों को नहीं जाना पड़ेगा आगरा या लखनऊ

संवाद सहयोगी, सैफई : उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के माइक्रोबायलॉजी विभाग में नव निर्मित कल्चर एंड डीएसटी लैब का निरीक्षण चेयरमैन यूपी एसटीएफ, एनटीईपी (स्पेशल टास्क फोर्स नेशनल ट्यूबरक्लोशिस एलिमिनेशन प्रोग्राम) एवं विभागाध्यक्ष रेस्पीरेटरी मेडिसिन केजीएमयू लखनऊ प्रो. (डा.) सूर्यकांत त्रिपाठी ने किया। उन्होंने कहा कि आसपास के जनपदों से टीबी के पूरी तरह सफाये के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय सैफई बेहद गंभीर है।

प्रो. (डा.) सूर्यकांत त्रिपाठी ने विवि के कुलपति प्रो. (डा.) राजकुमार से मुलाकात कर बताया कि विश्वविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग के अंतर्गत अतिशीघ्र कल्चर एंड डीएसटी लैब के स्थापित हो जाने के बाद मल्टी ड्रग रेजिस्टेन्ट (एमडीआर) की कल्चर एंड डीएसटी की सुविधा विवि में ही शुरू हो जाएगी। कुलपति ने बताया कि विवि के माइक्रोबायलॉजी विभाग में आधुनिक कल्चर एंड डीएसटी लैब बन जाने के बाद बिगड़ी हुई टीबी के गंभीर मरीजों को आगरा या लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा। समय से यहीं जांच हो सकेगी तथा जांच रिपोर्ट के मिलने पर तत्काल इलाज शुरू हो जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय में टीबी से संबंधित शोध में भी तेजी आएगी।

चिकित्सा अधीक्षक, विभागाध्यक्ष रेस्पीरेटरी मेडिसिन एवं वाइस चेयरमैन यूपी एसटीएफ एनटीईपी प्रो. (डा.) आदेश कुमार ने बताया कि कल्चर एंड डीएसटी लैब विश्वविद्यालय के माइक्रोबायलॉजी विभाग में बनकर तैयार है। जल्दी ही इस लैब से संबंधित उपकरणों का क्रय कर इस लैब को चालू कर दिया जाएगा। लैब के चालू हो जाने के बाद आसपास के जनपदों के ड्रग रेजिस्टेंट टीवी रोगियों की समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित हो सकेगा। निरीक्षण के दौरान माइक्रोबायलॉजी विभाग के डॉ. अमित सिंह उपस्थित रहे।

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