संकट में शेरनीः इटावा सफारी पार्क में केनाइन डिस्टेंपर का हमला

इटावा सफारी पार्क में शेरनी कुंअरि के जीवन पर संकट दिख रहा है। वह केनाइन डिस्टेंपर व लेप्टोस्पेरोशिस बीमारी से जूझ रही है। शेरनी की हालत ठीक नहीं है

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Nov 2017 07:08 PM (IST) Updated:Tue, 28 Nov 2017 07:42 PM (IST)
संकट में शेरनीः इटावा सफारी पार्क में  केनाइन डिस्टेंपर का हमला
संकट में शेरनीः इटावा सफारी पार्क में केनाइन डिस्टेंपर का हमला

इटावा (जेएनएन)। इटावा सफारी पार्क में शेरनी कुंअरि के जीवन पर संकट दिख रहा है। वह केनाइन डिस्टेंपर व लेप्टोस्पेरोशिस (वायरल संक्रमण) बीमारी से जूझ रही है। शेरनी के शरीर के पिछले हिस्से के मस्कुलर सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया है। उसके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता लगातार कम होती जा रही है। इटावा सफारी पार्क के लायन ब्रीडिंग सेंटर के लिए कुंअरि को अनफिट घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि शेरनी को सफारी में अलग रखा जाए ताकि शेरों के कुनबे में संक्रमण न फैले।

शेरनी कुंअरि दो वर्ष से बीमार 

सफारी पार्क की शेरनी कुंअरि दो वर्षों से बीमार चल रही है। इसे गुजरात के शक्करबाग जू से इटावा सफारी पार्क में लाया गया था। बताया गया है कि शेरनी इटावा सफारी आई थी तभी वायरल संक्रमण से ग्रसित थी परंतु उस समय इस पर ध्यान नहीं दिया गया। थोड़े ही दिनों बाद शेरनी को पार्क के अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। उसे केनाइन डिस्टेंपर की बीमारी निकली। हालांकि छह माह बाद शेरनी ने खुद को रिकवर कर लिया और वह चलने-फिरने लगी थी। केनाइन डिस्टेंपर के कारण शेरनी का पीछे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था और वह जमीन पर बैठ गई थी। उसके बाद एक साल तक वह स्वस्थ रही। छह माह पहले उसे फिर बीमारी का झटका लगा और वह जमीन पर बैठ गई थी परंतु डॉक्टरों ने दवाइयों के सहारे उसे फिर खड़ा कर लिया था, अब शेरनी की स्थिति फिर नाजुक है।

शेरनी की हालत ठीक नहीं 

इटावा सफारी पार्क के डा. गौरव श्रीवास्तव व डा. आरसी वर्मा शेरनी कुंअरि का इलाज कर रहे हैं। आगरा, मथुरा के डॉक्टरों से भी मदद मांगी गई है, इंडियन वेटनरी इंस्टीट्यूट बरेली के डॉक्टरों ने भी कुछ दिन पूर्व परीक्षण किया था। इटावा सफारी पार्क  के निदेशक पीपी सिंह ने बताया कि शेरनी की हालत ठीक नहीं है। उसकी जिंदगी खतरे में है। शासन को भी अवगत करा दिया गया है। शेरनी का पीछे का मस्कुलर सिस्टम सही ढंग से काम नहीं कर रहा है जिसके कारण उसे पेशाब व मल करने में दिक्कत हो रही है। बीच में उसने खाना छोड़ दिया था परंतु फिर वह तीन से चार किलो मीट खाने लगी है। 

कैनाइन डिस्टेंपर क्या है?

कैनाइन डिस्टेंपर वायरस कुत्तों में पाया जाता है। शेर या बाघ जंगल से निकलकर आबादी में कुत्तों को मार देते हैं तो संक्रमण हो जाता है। कुत्ते तेंदुए का आहार है और तेंदुओं को शेर-बाघ में आमना सामना होने पर मार देते हैं। ऐसे में यह संक्रमण हो जता है, इसका इलाज बेहद मुश्किल है क्योंकि यह सीधे नर्वस सिस्टम पर असर डालता है।

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