पांच साल से धूल फांक रहीं अल्ट्रासाउंड मशीनें

इटावा, जागरण संवाददाता : कहने को तो हम मुख्यमंत्री के गृह जनपद के नागरिक हैं। यहां इलाज के लिए डा. भ

By Edited By: Publish:Sat, 10 Oct 2015 07:32 PM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2015 07:32 PM (IST)
पांच साल से धूल फांक रहीं अल्ट्रासाउंड मशीनें

इटावा, जागरण संवाददाता : कहने को तो हम मुख्यमंत्री के गृह जनपद के नागरिक हैं। यहां इलाज के लिए डा. भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल भी है। जहां महिला अस्पताल में महिला मरीजों के अल्ट्रासाउंड कराने के लिए एक नहीं दो नहीं बल्कि तीन-तीन अल्ट्रासाउंड मशीनें बीते पांच साल से शोपीस बनी हुई हैं। डाक्टर के अभाव में महिला मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए पुरुष अस्पताल में जाना पड़ रहा है। जहां अल्ट्रासाउंड कराना आसान काम नहीं है।

गौरतलब बात है कि जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने की व्यवस्था तो की गयी है लेकिन इसका लाभ उन्हीं मरीजों को मिल पा रहा है जो सुबह 9 बजे तक अल्ट्रासाउड शुल्क की पर्ची बनवा कर जमा करने में सफल हो जाते हैं। अस्पताल में देर से पहुंचने वाले मरीजों को अगले दिन का इंतजार करने के लिए कहा जाता है। इसके विपरीत महिला अस्पताल में तीन अल्ट्रासाउड मशीने बीते तकरीबन पांच साल पूर्व मुहैया करा दी गयी थी, तथा एक कलर मशीन भी दो साल पूर्व आ गयी थी, इस तरह कुल तीन मशीनें हो गई हैं लेकिन अल्ट्रासाउंड करने वाला एक भी डाक्टर नहीं आया। इसके चलते महिला मरीजों को पुरुष अस्पताल की ही अल्ट्रासाउंड मशीन पर आश्रित रहना पड़ रहा है।

महिला अस्पताल स्वतंत्र अस्पताल है, उसकी व्यवस्थाएं भी अलग हैं लेकिन अल्ट्रासाउंड के लिए महिलाओं को पुरुष अस्पताल में ही लाइन लगानी पड़ती है।

उधर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक महिला अस्पताल डा. अशोक कुमार जाटव ने बताया कि मशीनें तो हैं लेकिन तकनीशियन व चिकित्सक का अभाव बना हुआ है, इसलिए पुरुष अस्पताल में ही अल्ट्रासाउंड करा दिया जाता है।

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