मिरहची में विस्फोट के बाद आतिशबाजी के दो गोदाम सील

कस्बा मिरहची में हुए आतिशबाजी विस्फोट के दूसरे दिन रात के वक्त पुलिस ने मृतका मुन्नी देवी और उसके परिवार के सदस्य आतिशबाज गिर्राज के गोदाम सील कर दिए। इन गोदामों में भारी तादात में आतिशबाजी का जखीरा भरा हुआ है। जांच में यह गोदाम मानकों पर खरे नहीं पाए गए लेकिन अंदर जाकर चैकिग नहीं हो पाई थी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 23 Sep 2019 10:40 PM (IST) Updated:Mon, 23 Sep 2019 10:40 PM (IST)
मिरहची में विस्फोट के बाद आतिशबाजी के दो गोदाम सील
मिरहची में विस्फोट के बाद आतिशबाजी के दो गोदाम सील

एटा, जागरण संवाददाता : मिरहची में हुए आतिशबाजी विस्फोट के बाद पुलिस ने दो गोदाम सील कर दिए। इनमें भारी तादाद में आतिशबाजी का जखीरा भरा हुआ है।

कस्बे में शनिवार को मुन्नी देवी के घर में उस समय धमाका हुआ था जब वहां बड़े पैमाने पर पटाखे बनाकर रखे गये थे। इस धमाके में सात लोगों की मौत हो गई थी और 13 घायल हुए। इनमें से आधा दर्जन का इलाज अभी भी सैफई में चल रहा है, जहां दो की हालत नाजुक है। एक घायल कासगंज पहुंच गया था, उसे भी वहां से सैफई के लिए रविवार को रेफर कर दिया गया।

पटाखे घनी आबादी में बनाए जा रहे थे, इसकी गाज दो अधिकारियों पर गिर चुकी है। थाना प्रभारी मिरहची एनडी तिवारी और अग्निशमन अधिकारी सुरेंद्र कुमार दोहरे को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन इससे पहले थाना प्रभारी ने मुन्नी देवी और गिर्राज के गोदामों को सील कर दिया।

प्रारंभिक जांच में पाया कि यह गोदाम रिहायशी इलाके से निर्धारित दूरी पर तो थे लेकिन गोदाम की लंबाई-चौड़ाई जितनी होनी चाहिए वह नहीं थी। आसपास आग बुझाने के लिए पानी भी आसानी से उपलब्ध नहीं था। रविवार को एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट की टीम जब गोदामों को खंगालने पहुंची थी तो उनके मालिकों को बुलाया गया, लेकिन वे वहां नहीं पहुंचे, इस कारण अंदर की जांच नहीं हो पाई। रविवार को ही फॉरेंसिक टीम ने भी जांच के लिए कई नमूने लिए हैं जो प्रयोगशाला भेजे गए हैं। एक माह के भीतर प्रयोगशाला से रिपोर्ट आएगी, अगर पटाखों में बेमानक विस्फोटक सामग्री पाई गई तो मुन्नी और गिर्राज के परिजनों पर शिकंजा कसा जा सकता है। दो दिन में हटाया जा सका मलबा

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मिरहची कस्बे में हुए आतिशबाजी विस्फोट के बाद मारहरा नगर पालिका की टीम पालिकाध्यक्ष परवेज जुबैरी की अगुवाई में दो दिन तक जुटी रही, तब कहीं जाकर मलबा हटाया जा सका। मलबा इतना ज्यादा था कि कई जेसीबी के साथ 50 कर्मचारियों को लगाया गया था। तब कहीं जाकर जगह साफ हो पाई है। विस्फोट के तत्काल बाद ही नगर पालिका की टीम बुला ली गई थी जो दो दिन तक जुटी रही।

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