मींसाकलां में बवाल, फाय¨रग, तहसीलदार की टीम को दौड़ाया

थाना क्षेत्र के ग्राम मींसाकलां में जमीन की नापतौल के दौरान बवाल हो गया। दो पक्ष आमने-सामने आ गए और फाय¨रग शुरू हो गई। इस मध्य पैमाइश को पहुंचे तहसीलदार व उनकी टीम को भी दौड़ा दिया गया। सूचना पर पहुंचे पुलिस बल ने दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है, इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर डाला।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Nov 2018 10:35 PM (IST) Updated:Sun, 11 Nov 2018 10:35 PM (IST)
मींसाकलां में बवाल, फाय¨रग, तहसीलदार की टीम को दौड़ाया
मींसाकलां में बवाल, फाय¨रग, तहसीलदार की टीम को दौड़ाया

जागरण संवाददाता, अवागढ़: थाना क्षेत्र के ग्राम मींसाकलां में जमीन की नापतौल के दौरान बवाल हो गया। दो पक्ष आमने-सामने आ गए और फाय¨रग शुरू हो गई। इस मध्य पैमाइश को पहुंचे तहसीलदार व उनकी टीम को भी दौड़ा दिया गया। सूचना पर पहुंचे पुलिस बल ने दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है, इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने का घेराव कर डाला।

गांव में जमीन का विवाद महीनों पुराना है। पूर्व में शिकायत पर जमीन की पैमाइश के बाद तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार ने भूमि को परिषदीय स्कूल की घोषित कर दिया था। गांव के ही कुछ लोगों की शिकायत पर रविवार को तहसीलदार विजय कुमार क्षत्रपति, कानूनगो, लेखपाल सतीशचंद्र, नेत्रपाल, अतर ¨सह की टीम जमीन की नापतौल करने पहुंच गई। टीम पहुंचते ही ग्राम प्रधान पुरुषोत्तम ¨सह व दूसरे पक्ष के राम ¨सह गुट के लोग भी वहां इकट्ठे हो गए। चूंकि पूर्व में एसडीएम पैमाइश करा चुके थे इस कारण प्रधान ने पुन: नापतौल का विरोध कर जमीन को विद्यालय की बताया। कुछ ही देर में दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया और फाय¨रग भी हुई। इस मध्य तहसीलदार की टीम को भी एक पक्ष ने दौड़ा दिया। प्रधान पक्ष का आरोप था कि दूसरा पक्ष तहसील अधिकारियों से मिलकर सरकारी जमीन को हड़पना चाहता है। सूचना पर अवागढ़ सहित सर्किल के विभिन्न थानों का फोर्स गांव पहुंच गया। दोनों पक्षों के आधा दर्जन लोगों को पुलिस थाने ले आई। कुछ ही देर में गांव के काफी संख्या में लोग थाने का घेराव करने पहुंच गए। हालात बिगड़ते देख पुलिस भी ग्रामीणों को समझाने-बुझाने में लग गई। इस मध्य थाने पहुंचे चेयरमैन महेशपाल ¨सह, सांसद प्रतिनिधि राजेश सरानी, भाजपा नेता टुल्लन ¨सह आदि ने विवाद को निपटाने का प्रयास शुरू कर दिया। दोनों पक्षों में समझौते के बाद तय हुआ कि पुन: जमीन की पैमाइश वरिष्ठ अधिकारियों व प्रमुख लोगों की मौजूदगी में कराई जाएगी। इसके बाद हिरासत में लिए गए दोनों पक्षों को हिदायत के साथ छोड़ दिया गया।

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