करोड़ों खर्च के बाद भी बेकार साबित हो रही पानी की टंकियां

सरकार ने स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए गांवों में पानी की टंकियों का निर्माण कराया है लेकिन जिम्मेदारों की गलतियों के कारण सरकार की मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है। हालत यह हैं कि ये पानी की टंकियां शो-पीस बनी हुई है। गर्मी के मौसम में जब लोगों को पेयजल की सर्वाधिक जरूरत है सरकारी संसाधन दगा दे गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 11:50 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 11:50 PM (IST)
करोड़ों खर्च के बाद भी बेकार साबित हो रही पानी की टंकियां
करोड़ों खर्च के बाद भी बेकार साबित हो रही पानी की टंकियां

देवरिया : सरकार ने स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति के लिए गांवों में पानी की टंकियों का निर्माण कराया है, लेकिन जिम्मेदारों की गलतियों के कारण सरकार की मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है। हालत यह हैं कि ये पानी की टंकियां शो-पीस बनी हुई है। गर्मी के मौसम में जब लोगों को पेयजल की सर्वाधिक जरूरत है सरकारी संसाधन दगा दे गए हैं।

क्षेत्र के बेलपार में 2010-11 में 70 लाख से अधिक खर्च कर पानी की टंकी का निर्माण हुआ। लोगों के कनेक्शन दिए गए, लेकिन यह टंकी मात्र दो से तीन दिन ही लोगों को अपनी सेवा दे सका। इसी साल पकड़ी, केहूनिया, भिगारी बाजार, खामपार, भठवां तिवारी, टीकमपार व लाखोपार समेत दो दर्जन से अधिक गांव में शासन द्वारा लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया के मकसद से पानी टंकी का निर्माण कराया गया। इस मद में भी सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए, लेकिन कुछ दिन बाद ही पाइप लाइन फटने के चलते ये टंकियां भी अपनी सेवा देने में अक्षम साबित हुई। इसके बाद ग्रामीणों समेत अन्य राजनीतिक दलों ने इसके लिए कई बार उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा। बावजूद इसके इस समस्या का समाधान नहीं किया गया। उपजिलाधिकारी रामविलास राम ने कहा कि मामला संज्ञान में नहीं था। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

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