बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पर दिया धरना

उत्तर प्रदेशीय सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद के बैनर तले सेवानिवृत्त शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव पर मनमानी का आरोप लगाते हुए धरना दिया। इस दौरान सेवानिवृत्त शिक्षकों ने नारेबाजी की। बीएसए माधव जी तिवारी के हस्तक्षेप के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी के लिखित आश्वासन पर धरना खत्म किया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 11:08 PM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 11:08 PM (IST)
बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पर दिया धरना
बेसिक शिक्षा के वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पर दिया धरना

देवरिया : उत्तर प्रदेशीय सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक कल्याण परिषद के बैनर तले सेवानिवृत्त शिक्षकों ने बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव पर मनमानी का आरोप लगाते हुए धरना दिया। इस दौरान सेवानिवृत्त शिक्षकों ने नारेबाजी की। बीएसए माधव जी तिवारी के हस्तक्षेप के बाद वित्त एवं लेखाधिकारी के लिखित आश्वासन पर धरना खत्म किया।

जिलाध्यक्ष शार्दूल ¨सह ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षकों के वेतन पुनरीक्षण के संबंध में वित्त एवं लेखाधिकारी को दर्जनों बार ज्ञापन दिया गया, जिसे रद्दी की टोकरी में डाला गया। मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है। इस दौरान सेवानिवृत्त शिक्षकों ने जोरदार नारेबाजी की। बाद में बीएसए के पहुंचने पर सेवानिवृत्त शिक्षक वार्ता के लिए राजी हुए। संरक्षक नरेंद्र ¨सह, नथुन राय, भीम यादव, लालसा यादव, रामविलास आर्य, पुरुषोत्तम उपाध्याय वार्ता में शामिल रहे। वित्त एवं लेखाधिकारी ने लिखित रूप से बताया कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से 25 अक्टूबर तक प्राप्त एक जनवरी 2006 से 31 अप्रैल 2016 तक सेवानिवृत्त शिक्षकों का पेंशन स्वीकृत प्रपत्र कार्रवाई के लिए बीएसए व अपर निदेशक कोषागार व पेंशन गोरखपुर को प्रेषित की गई है। शेष पेंशन संशोधन प्रपत्र 35 कार्य दिवस के अंदर निस्तारित करते हुए आगे की कार्रवाई के लिए बीएसए को भेज दिया जाएगा। प्रोन्नत वेतनमान संबंधी पत्रावलियों का परीक्षणोपरांत निस्तारित कर दिया जाएगा। अवशेष बिलों को भी कोषागार को प्रेषित किया जाएगा। इस संबंध में वित्त एवं लेखाधिकारी जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि बीएसए कार्यालय के किसी बाबू ने सेवानिवृत्त शिक्षकों को गुमराह कर दिया था। जबकि वेतन पुनरीक्षण का कार्य समय से किया जा रहा है।

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