कृषि बिल के विरोध में किसान सभा का प्रदर्शन

नारेबाजी करते तहसील मुख्यालय पहुंचे। तहसील गेट पर मोदीअडानी अंबानी का पुतला दहन किया। उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि सरकार की तत्काल तीनों कानून को वापस लेना चाहिए 10 दिनों से लगातार किसान आंदोलनरत हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:56 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 10:56 PM (IST)
कृषि बिल के विरोध में किसान सभा का प्रदर्शन
कृषि बिल के विरोध में किसान सभा का प्रदर्शन

देवरिया: उत्तर प्रदेश किसान सभा एवं खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने किसानों की समस्याओं व कृषि बिल के विरोध में कलेक्ट्रेट परिसर में शनिवार को धरना दिया। अंत में आठ सूत्रीय मांग पत्र अपर जिलाधिकारी प्रशासन को सौंपा। मांगों के पूरा होने तक आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया गया।

वक्ताओं ने कहा कि किसानों के राष्ट्रव्यापी आंदोलन को हमारा पूर्ण समर्थन है। लाकडाउन के दौरान लाए गए तीन अध्यादेश किसान विरोधी हैं। इसे वापस लिया जाए।

यहां मुख्य रूप से श्यामदेव यादव, एडवोकेट आनंद प्रकाश चौरसिया, कमला यादव आदि मौजूद रहे। राष्ट्रीय दिव्यांग एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आंदोलन में समर्थन देने का ऐलान करते हुए धरना दिया गया।

कृषि बिल के विरोध में किसान सभा ने किया प्रदर्शन

किसान कानून को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा कार्यकर्ताओं द्वारा जिलाध्यक्ष जयप्रकाश यादव के अगुवाई में क्षेत्र के बंगरा बाजार चौराहे पर केंद्र सरकार का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया ।

साधु शरण ने कहा की मोदी सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी बिल ,बिजली को निजीकरण करना यह आम किसानों के तबाह करने वाला कानून है । जिसके कारण देश के किसान अपनी खेती को बचाने के लिए सर्द भरी मौसम में दिल्ली की सड़कों पर धरना दे रहे हैं । इस दौरान चंद्रभान, मुन्द्रिका, जगदीश, रमेश सिंह आदि मौजूद रहे।

खेमयू ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन का देशव्यापी आंदोलन के क्रम में शनिवार को यूनियन के नेताओं ने तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। मांगों से संबंधित ज्ञापन तहसीलदार सतीश कुमार को सौंपा गया।

नारेबाजी करते तहसील मुख्यालय पहुंचे। तहसील गेट पर मोदी,अडानी ,अंबानी का पुतला दहन किया। उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सतीश कुमार ने कहा कि सरकार की तत्काल तीनों कानून को वापस लेना चाहिए 10 दिनों से लगातार किसान आंदोलनरत हैं। प्रेमचंद,रामनिवास यादव ,हरेकृष्ण कुशवाहा ,संजय गौड़ आदि मौजूद रहे ।

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