आग लगी तो बुझाने के लिए नहीं मिलेगा पानी

शंकर शरण राय मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा है कि दो तहसीलों में फायर टेंडर भेज दिए गए हैं। बरहज व भाटपाररानी में पंप वाली गाड़ी गई है। पानी के लिए दिक्कत तो होती है लेकिन किसानों व ग्रामीणों से सामंजस्य बनाकर इसका इंतजाम कर लिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 09:59 PM (IST) Updated:Thu, 09 Apr 2020 06:04 AM (IST)
आग लगी तो बुझाने के लिए नहीं मिलेगा पानी
आग लगी तो बुझाने के लिए नहीं मिलेगा पानी

देवरिया : मौसम में बदलाव से होने वाली आगजनी की घटनाओं को देखते हुए दो तहसीलों में दमकल की गाड़ियां भेज दी गई हैं। दो तहसीलों में पंप वाहन भेजे गए हैं, लेकिन तालाब, गढ्डे सूखने के चलते यहां पानी का इंतजाम करना दमकल कर्मियों के लिए बड़ी चुनौती है।

सरकार की मंशा सभी तहसील मुख्यालयों पर अग्निशमन केंद्र खोलने की है। रुद्रपुर में अग्निशमन केंद्र तैयार है, लेकिन यहां न तो संसाधन हैं न ही कर्मचारी। सलेमपुर में इसका निर्माण कार्य चल रहा है। इन दोनों तहसीलों पर दमकल की गाड़ियां भेज दी गई हैं। रुद्रपुर में तो पानी भरने की व्यवस्था है, लेकिन सलेमपुर स्थित जलकल के ओवरहेड टैंक से पानी लेने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कसबों को छोड़ दें तो ग्रामीण अंचल में कहीं भी पानी की व्यवस्था नहीं है।

भाटपाररानी व बरहज में परेशानी ज्यादा है। आग लगने पर पहुंचने वाली पंप गाड़ी पहले पानी का इंतजाम ढूंढने में जुटती है, जिससे कई बार घटनास्थल पर कर्मचारियों को भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ता है। सदर तहसील मुख्यालय पर एक फायर टेंडर है। पानी के लिए 15 जगह वाटर हाइड्रेंट बने तो जरूर हैं, लेकिन इसमें से 12 दफन हो चुके हैं।

शंकर शरण राय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने कहा है कि दो तहसीलों में फायर टेंडर भेज दिए गए हैं। बरहज व भाटपाररानी में पंप वाली गाड़ी गई है। पानी के लिए दिक्कत तो होती है, लेकिन किसानों व ग्रामीणों से सामंजस्य बनाकर इसका इंतजाम कर लिया जाता है।

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