गंदगी व गरीबी ने असमय लील ली दो मासूमों की ¨जदगी

मदनपुर के टोला बनकट में डायरिया पीड़ित मासूम भाई-बहन को असमय ही मौत के आगोश में धकेल दिया। आज भी आधा दर्जन लोग बीमार हैं। जबकि महकमा कागजी खानापूरी में जुटा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 11:33 PM (IST)
गंदगी व गरीबी ने असमय लील ली दो मासूमों की ¨जदगी
गंदगी व गरीबी ने असमय लील ली दो मासूमों की ¨जदगी

देवरिया: मदनपुर के टोला बनकट में डायरिया पीड़ित मासूम भाई-बहन को असमय ही मौत के आगोश में धकेल दिया। आज भी आधा दर्जन लोग बीमार हैं। जबकि महकमा कागजी खानापूरी में जुटा है। जिसमें कई बीमारों को अस्पताल से स्वस्थ बताकर घर भेज दिया गया जबकि अब भी उनकी पीड़ा कम नहीं हुई है।

जिलाधिकारी के आदेश व सीएमओ के कैंप करने के बाद जारी निर्देश भी मातहत अमल में नहीं ले आ रहे हैं। बता दें कस्बे की घनी आबादी के दलित बस्ती वाले इस टोले में सवा सौ से अधिक परिवार रहते हैं। बस्ती के चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य स्थापित है। ऐसे में करीब एक सप्ताह से टोले पर डायरिया जैसी संक्रामक बीमारी ने पांव पसार लिया है। जिसकी चपेट में आकर राजन के दो मासूम बच्चे अजित व ज्योति असमय ही काल के गाल में समा गए। घटना की जानकारी होने पर जिलाधिकारी अमित किशोर ने सीएमओ को तत्काल वहां स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के साथ बीमारों को अस्पताल पहुंचने का निर्देश दिया। सीएमओ ने भी गांव में कैंप कर मातहतों को आवश्यक निर्देश दिया। मरीजों की संख्या बढ़ रही जबकि सीएचसी रुद्रपुर सब ठीक बता रहा। गांव का जायजा लेने पर बताया गया कि फूलमती व आरती को जिला अस्पताल भेज दिया गया। राजन की पुत्री अमोली व उसके भाई सचिन को घर भेज दिया गया जिनकी हालत खराब होने पर परिजन सोमवार को प्राथमिक स्वास्थ केंद्र महेन ले गए। वहीं नीरज 8 वर्ष, कार्तिक 6 वर्ष पुत्र मुरली व चनमती 60 वर्ष पत्नी मोहन बुखार, उल्टी, दस्त से पीड़ित हैं।

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सीएचसी रुद्रपुर पर न इलाज न दवाई मदनपुर: अपनी दो संतानों को असमय खोने के बाद चिकित्सकों पर आरोप लगाते हुए पीड़ित राजन व नंदिनी का कहना है रविवार को बुखार से तप रहे अपने दो बच्चों सचिन व अमोली को चिकित्सकों की टीम के कहने पर अस्पताल ले गए, लेकिन वहां चिकित्सक ने बच्चे को देखा तक नही। उल्टे पर्ची बनाकर दवा मेडिकल स्टोर से खरीद कर घर ले जाने की बात कही। पैसा नहीं होने की वजह से बिना दवा लिए ही घर आना पड़ा। गांव की मंजू देवी भी सीएचसी पर चिकित्सकों द्वारा लापरवाही बरतने की बात कह रही है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जब तक गांव की स्थिति ठीक नहीं हो जाती तब तक एक टीम को गांव में लगाया गया है। दुकान से दवा खरीदने की बात मेरे संज्ञान में नहीं है इसकी जांच कराई जाएगी।

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