बाल गृह बालिका कांड: सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा

मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका कांड की अब सीबीआइ जांच होगी। पर्दाफाश के एक साल बाद सीबीआइ ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जल्द ही सीबीआइ की टीम इस प्रकरण के जांच को देवरिया आ सकती है। सीबीआइ द्वारा मामले की जांच करने के संकेत मिलने के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Aug 2019 10:59 PM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 10:59 PM (IST)
बाल गृह बालिका कांड: सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा
बाल गृह बालिका कांड: सीबीआइ ने लखनऊ में दर्ज किया मुकदमा

देवरिया : मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका कांड की अब सीबीआइ जांच होगी। पर्दाफाश के एक साल बाद सीबीआइ ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जल्द ही सीबीआइ की टीम इस प्रकरण के जांच को देवरिया आ सकती है। सीबीआइ द्वारा मामले की जांच करने के संकेत मिलने के बाद पुलिस महकमे में भी हड़कंप मच गया है। इस मामले में अधिकांश आरोपित न्यायालय से जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि अभी भी बाल गृह की संचालक गिरिजा त्रिपाठी व उनके पति मोहन तिवारी जेल में है। हाल ही में गिरिजा को हाईकोर्ट ने एक मामले में जमानत दी है।

पांच अगस्त 2018 को बाल गृह बालिका कांड का तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ने पर्दाफाश किया था। साथ ही मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान की संचालक गिरिजा त्रिपाठी, पति मोहन त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में इस मामले की जांच एसआइटी ने की और गिरिजा त्रिपाठी की बेटी अधीक्षक कंचनलता समेत कई लोगों को जेल भेज दिया। उस समय ही प्रदेश सरकार ने इसकी सीबीआइ जांच की पेशकश की थी, लेकिन उस समय इस प्रकरण की जांच नहीं हो पाई। अब सीबीआइ ने इस पूरे प्रकरण की जांच करने के लिए मामले को अपने कब्जे में ले लिया है। साथ ही लखनऊ में दो मुकदमे सीबीआइ ने दर्ज कर लिया है। इसकी सूचना आने के बाद हड़कंप मच गया है।

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यह है पूरा मामला

देवरिया के स्टेशन रोड स्थित मां विध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका से एक किशोरी भागकर 5 अगस्त 2018 को तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय के पास पहुंची और संस्था में होने वाले कार्य को बताया। दस बजे रात को एसपी ने संस्था के कार्यालय पर छापेमारी की और 23 लड़कियों को मुक्त कराने का दावा किया। रात में ही बाल गृह बालिका कांड का पर्दाफाश एसपी ने प्रेस वार्ता में किया था। 6 अगस्त को ही मुख्यमंत्री ने एडीजी संजय सिघल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर दिया। 10 अगस्त को देवरिया में एसआइटी ने जांच अपने हाथ में ली थी।

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एसपी समेत कई अधिकारी हुए थे निलंबित

हाईप्रोफाइल इस मामले में सरकार ने भी बड़ा कदम उठाया था। 15 अगस्त 2018 को एडीजी गोरखपुर दावा शेरपा के जांच रिपोर्ट के बाद तत्कालीन एसपी डा.रोहन पी कनय, सीओ, शहर कोतवाल वीके सिंह गौर, सीओ सिटी व चौकी प्रभारी जटाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया था। बाद में यह सभी अधिकारी उच्च न्यायालय के आदेश पर बहाल कर दिए गए थे।

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