मार्ग दुर्घटना में किशोर की मौत

देवरिया : कोतवाली क्षेत्र के रुद्रपुर-पिड़रा मार्ग पर काशीपुर मोड़ के समीप मंगलवार को एक स्कार्पियो ने

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jun 2017 11:55 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jun 2017 11:55 PM (IST)
मार्ग दुर्घटना में किशोर की मौत
मार्ग दुर्घटना में किशोर की मौत

देवरिया : कोतवाली क्षेत्र के रुद्रपुर-पिड़रा मार्ग पर काशीपुर मोड़ के समीप मंगलवार को एक स्कार्पियो ने मोटरसाइकिल सवार किशोर को ठोकर मार दिया, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पुलिस ने वाहन को कब्जे में ले लिया है। किशोर की मौत के बाद क्षेत्र में शोक की लहर है। किशोर गांव की चाची को पहुंचाने के बाद घर लौट रहा था।

कोतवाली क्षेत्र के गोनाह सुरतपुरा निवासी अभिषेक ¨सह 16 पुत्र ध्रुव ¨सह के घर के समीप की चाची को गोरखपुर जाना था। वह मोटरसाइकिल से उन्हें लेकर बस पर बैठाने के लिए रुद्रपुर उपनगर के बसस्टेशन पर पहुंचा, उन्हें छोड़ कर घर लौट रहा था। वह काशीपुर मोड़ के समीप पहुंचा कि रुद्रपुर की तरफ आ रहे वाहन की चपेट में आ गया। वाहन की ठोकर से मोटरसाइकिल के आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। मामले में पुलिस ने वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

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किशोर की मौत से गांव में मातम

- मां का विलाप देख फट जा रहा था कलेजा

- घर से कुछ ही दूरी पर हुआ हादसा

जागरण संवाददाता, रुद्रपुर, देवरिया : किशोर अभिषेक की मौत की सूचना पर गांव में मातम छा गया। पलभर में परिवार की खुशियों को गम की परछाई ने घेरकर कभी न भूलने वाला दर्द दे दिया। मौत की सूचना मिलते ही मां इंदू देवी दहाड़ मारने लगी। तीन भाइयों में वह दूसरे नंबर का था। रोते-बिलखते लोगों का कहना था कि मौत उसे खींचकर ले गई। मम्मी की सहेली का पुत्र उससे रुद्रपुर पहुंचाने के लिए बाइक मांगने आया उसने देने से मना कर दिया और कहा कि मैं खुद पहुंचाने जाऊंगा, जहां नियति को कुछ और मंजूर था। उन्हें छोड़कर लौट रहा था कि घर से थोड़ी दूर पर हादसा हो गया। उसकी मां इंदू को समझाने का कोई साहस नहीं कर पा रहा था। वह रह-रह कर बेहोश हो जा रही थीं। वह सबसे मिलनसार था। घर के लोग खाना खाने के बाद जाने को कहे, लेकिन उसने बात नहीं मानी। अगर मान गया होता तो काल के क्रूर गाल में संभवत नहीं फंसता। उसके गम में लोगों के घरों के चूल्हे नहीं जले। मां स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आशा कार्यकर्ता हैं। बड़े भाई विशाल और छोटे नीलेश का रो-रोकर बुरा हाल था। कह रहे थे कि घर के लोग उसे बाइक ले जाने से मना कर रहे थे, लेकिन वह उनकी बात नहीं माना।

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