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अपनी जान बचाना चाहते हैं तो… एक कॉल से घर में कैद हुआ इंजीनियर, वॉट्सएप से मिले लेटर पर नाम देखकर उड़ गए होश

सिविल लाइंस के आशियाना कॉलोनी निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने डराकर घर में कैद कर दिया और उनके 11 लाख 95 हजार 504 ठग लिए। पीड़ित को मुंबई एयरपोर्ट पर उनके नाम से आए पार्सल में ड्रग्स होने की जानकारी देकर डरा धमकाया रकम ट्रांसफर करा ली। पीड़ित ने सिविल लाइंस थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 24 May 2024 12:01 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2024 12:01 AM (IST)
एफआइआर में साइबर ठगों ने पीड़ित का नाम भी लिख रखा है। सौ. पीड़ित

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सिविल लाइंस के आशियाना कॉलोनी निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने डराकर घर में कैद कर दिया और उनके 11 लाख 95 हजार 504 ठग लिए। 

पीड़ित को मुंबई एयरपोर्ट पर उनके नाम से आए पार्सल में ड्रग्स होने की जानकारी देकर डरा धमकाया रकम ट्रांसफर करा ली। पीड़ित ने सिविल लाइंस थाने में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस साइबर अपराधियों के इस गिरोह तक पहुंचने के लिए लगी हुई है।

यह है मामला

पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बताया कि वह गुरुग्राम की कंपनी में नौकरी करते हैं। 15 मई की दोपहर करीब 12 बजे उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। जिसमें बताया गया कि फेडएक्स कंपनी का पार्सल रिटर्न हुआ है। 

इसके बाद कॉल कंपनी कस्टमर केयर पर ट्रांसफर कर दी गई। तब उन्हें कस्टमर केयर ने बताया गया कि मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने एक पार्सल पकड़ा है। जिसके अंदर पांच पासपोर्ट, तीन बैंक क्रेडिट कार्ड, कुछ कपड़े, एक लैपटॉप, 140 ग्राम ड्रग्स है। यह पार्सल ताइवान के लिए था। 

पासपोर्ट को मुंबई एयरपोर्ट पर नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने सीज किया है। इस पार्सल के साथ आपका आधार अटैच है। इसके अलावा आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल अवैध पैसा ट्रांसफर (हवाला) के लिए किया गया है। आपके ऊपर मनी लाड्रिंग का मामला बन रहा है। इसके अलावा भी इंजीनियर को कई तरह की बातें करके डराया गया। 

पीड़ित ने आरोपित से बताया कि उन्होंने न तो अपना आधार कार्ड कहीं दिया है और न ही किसी तरह का कोई पार्सल भेजा है। तब कस्टमर केयर ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच में अपनी शिकायत दर्ज करा दीजिए। इसके बाद केस खत्म हो जाएगा।

वित्तीय सत्यापन के लिए मांगी रकम

इसके स्काई एप और व्हाट्सएप नंबर से कॉल आई। तब खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताने वाले ने कहा कि अगर वह अपनी जान बचाना चाहते हैं तो वित्तीय सत्यापन के लिए पैसे ट्रांसफर करने होंगे। इसके बाद आरोपी के झांसे में आकर पीड़ित ने उसके बताए खाते में आठ लाख 22 हजार 484 और तीन लाख 73 हजार 24 रुपये ट्रांसफर कर दिए। करीब 24 घंटे पीड़ित और उसकी पत्नी को साइबर अपराधियों ने डराकर घर में कैद रखा। 

सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि तहरीर के आधार पर पीड़ित की तरफ से मामले में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। इस तरह से कोई भी साइबर अपराधी फोन करे तो पुलिस को सूचित करें। किसी की धमकी में आने की जरूरत नहीं है।

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