शैलखंडों में मां सीता के स्पर्श से चित्रकूट पड़ा नाम

जागरण संवाददाता चित्रकूट : जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में राज्य ललित कला अकादमी व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 11:03 PM (IST)
शैलखंडों में मां सीता के स्पर्श से चित्रकूट पड़ा नाम
शैलखंडों में मां सीता के स्पर्श से चित्रकूट पड़ा नाम

जागरण संवाददाता चित्रकूट : जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में राज्य ललित कला अकादमी व ललित कला संकाय के संयोजन में समकालीन कला प्रदर्शनी की शुरुआत मंगलवार को हुई। शुभारंभ विश्वविद्यालय के आजीवन कुलाधिपति जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज ने किया। उन्होंने कहा कि कला ²ष्टि के साथ कल्पना का भी अपना स्थान है। चित्रकूट के नाम की पृष्ठ भूमि में भी कला की सार्थकता है। चित्रकूट आगमन पर माता सीता ने शैल खंडों पर राम को विभिन्न रूपों में चित्रित किया है। इसी से यहां का नाम चित्रकूट पड़ा। उन्होंने कहा कि कला का चित्रण व्यक्ति के चरित्र का दर्पण होता है। कुलपति प्रो. योगेश चंद्र दुबे ने कहा कि ललित कला संकाय विवि के साथ पूरे क्षेत्र में कला का संवर्धन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों, कला प्रेमियों व शोध छात्रों के लिए सृजन का वातावरण पैदा करेगी।

संयोजक डा. देवेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह प्रदर्शनी 20 सितंबर तक चलेगी। इसमें देश-विदेश के ख्याति प्राप्त कलाकारों की 35 कलाकृतियों को प्रदर्शित किया जा रहा है। इन कलाकारों में सुधीर रंजन, सितींद्र नाथ मजूमदार, आशित कुमार, बीरेश्वर सेन, यशोधर मठ पाल, एमजी श्रीखंडे, आरपी निगम समेत अन्य कई नाम शामिल हैं। इस मौके पर राज्य कला अकादमी के सचिव डा. यशवंत ¨सह राठौर, कुल सचिव जीपी दुबे, प्रो. शिवराज ¨सह सेंगर, डा. महेंद्र कुमार उपाध्याय, डा. रजनीश कुमार ¨सह, मुकुंद मोहन पांडेय, राजेश शुक्ल, संध्या पांडेय, राकेश तिवारी, गोपाल कुमार मिश्र, रीना पांडेय, सूर्य प्रकाश मिश्र, भालेंदु ¨सह व पंकज अग्रवाल समेत अन्य रहे।

chat bot
आपका साथी