सरकार-2 में मुख्यमंत्री का पहला दौरा, नई सौगात की आस

चित्रकूट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Jul 2022 06:54 PM (IST) Updated:Mon, 04 Jul 2022 06:54 PM (IST)
सरकार-2 में मुख्यमंत्री का पहला दौरा, नई सौगात की आस
सरकार-2 में मुख्यमंत्री का पहला दौरा, नई सौगात की आस

सरकार-2 में मुख्यमंत्री का पहला दौरा, नई सौगात की आस

जागरण संवाददाता, चित्रकूट : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चित्रकूट के बहुत लगाव है वह अपने पिछले कार्यकाल में आठ बार चित्रकूट आए थे। धर्मनगरी के विकास के लिए सौगात भी खूब दी थी। अब एक बार फिर सूबे में उनकी सरकार है। नई सरकार के 100 दिन पूरे होने पर यह उनका पहला चित्रकूट दौरा है। ऐसे में लोगों को उनसे काफी उम्मीद है कि नई सौगात मिलेगी।

वैसे योगी सरकार ने चित्रकूट को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कारीडोर, एयरपोर्ट, टाइगर रिजर्व और रेस्क्यू सेंटर जैसी बड़ी सौगात दी है। जल जीवन मिशन से घर-घर पानी पहुंचने का काम हो रहा है लेकिन अभी सिंचाई और स्वास्थ्य में बहुत काम करने की जरूरत है। पिछली सरकार में लोक निर्माण राज्यमंत्री रहे चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने यमुना-पयस्वनी लिंक और रसिन व बरुआ बांध लिंक सिंचाई परियोजना बनाकर शासन में भेजी थी। उनकी भी घोषणा सीएम कर सकते हैं। मुख्यमंत्री अपनी सरकार के सौ दिन पूरे होने का जश्न आदिवासियों के साथ मनाएंगे। ऐसे में इस समुदाय को भी बड़ी आस है। कोल आदिवासियों को कुछ प्रदेशों में अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्राप्त है लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं है। इसकी मांग भी कोल आदिवासी समय समय पर उठाते रहे हैं।

चिल्लीमल यमुना पुल के वित्तीय स्वीकृत की आस

राजापुर तिरहार के लोगों की लंबे समय से मांग चिल्लीमल में यमुना नदी पर पुल की है। इस पुल के निर्माण से यह इलाका फतेहपुर, कानपुर, कौशांबी व रायबरेली से सीधे जुड़ जाएगा। चिल्लीमल यमुना सेतु के निर्माण के लिए पिछली सरकार में लोकनिर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय ने शासन से स्वीकृति प्रदान करवाई थी, परंतु उसी समय कोरोना काल जैसी विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो जाने के कारण वित्तीय स्वीकृति नहीं मिल पायी थी। आज भी ये पुल वित्तीय स्वीकृति के लिए विचाराधीन है।

बरगढ़ में प्राथमिक अस्पताल की मांग

बरगढ़ के लोग स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। लगभग 70 हजार की आबादी वाले पूरे क्षेत्र में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय है। जो जिला पंचायत के जर्जर भवन में एक फार्मासिस्ट के मत्थे चल रहा है। इसी मुरका व कलचिहा में राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय किराए के भवन में चल रहे हैं। क्षेत्र में कोई एलोपैथिक अस्पताल नहीं है। लोगों को इलाज के लिए मऊ आना पड़ता है या फिर प्रयागराज के शंकरगढ़ जाते हैं। जिला चिकित्सालय 70 किलोमीटर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊ 20 किलोमीटर दूर है।

सरधुआ व भरतकूप के ब्लाक की मांग

जनपद की 332 ग्राम पंचायत के बीच पांच ब्लाक है तमाम ग्राम प्रधानों को कई-कई किलोमीटर का सफर तय कर ब्लाक आना पड़ता है। ऐसे लोग सरधुआ और भरतकूप विकास खंड बनाने की मांग लंबे समय से चल रही है।

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