कुष्ठ रोग असाध्य नहीं, दवा से पूर्ण इलाज संभव

अमदहा चरनपुर गांव में मंगलवार को कुष्ठ जागरूकता समुदाय की कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसमें कुष्ठ रोग के पहचान के बारे में जानकारी दी गई। शुभारंभ ग्राम प्रधान छन्नू राम ने किया।राष्ट्रीय कुष्ठ रोग खोजी कार्यक्रम के तहत कुष्ठरोग के संदेह वाले व्यक्ति की पहचान के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Dec 2019 05:40 PM (IST) Updated:Tue, 24 Dec 2019 05:40 PM (IST)
कुष्ठ रोग असाध्य नहीं, दवा से पूर्ण इलाज संभव
कुष्ठ रोग असाध्य नहीं, दवा से पूर्ण इलाज संभव

जासं, नौगढ़ (चंदौली) : अमदहा चरनपुर गांव में मंगलवार को कुष्ठ जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कुष्ठ रोग के पहचान के बाबत जानकारी दी गई। राष्ट्रीय कुष्ठ रोग खोजी कार्यक्रम के तहत कुष्ठरोग के संदेह वाले व्यक्ति की पहचान के लिए लोगों को जागरूक किया गया।

जिला पर्यवेक्षक विवेक सिंह ने कहा कुष्ठ रोग असाध्य नहीं है। दवा से इसका पूर्ण इलाज संभव है। बताया चमड़ी बदरंग, मोटा, सूनापन, चमक या दाने हों, आंख बंद करने में कठिनाई, दाग से चकत्ता व पसीना न आता हो, हाथ पैर के नसों में मोटापन, सूजन व झनझनाहट हो, आंखों का भौंह झड़ा हुआ हो, कान पर गांठ हो, हाथ पैर की अंगुली में टेढ़ापन हो, हाथ, पैर में तलवे में सूजन, घाव जो इलाज के बाद भी ठीक ना हो, घाव में दर्द ना हो यह सब कुष्ठ रोग की निशानी है। कहा यह पूर्वजन्म के पापों का फल नहीं है, बल्कि रोग है जो माइक्रोबैक्टेरियम लेप्रे नाम के जीवाणु से होता है। जो एमडीटी की दवा से पूरी तरह से ठीक हो जाता है। इसके इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आशा या एएनएम व स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करके मुक्त कराया जा सकता है। कुष्ठ रोग में सभी लोग समान रूप से प्रभावित नहीं होते हैं। हमारा शरीर अलग-अलग संक्रमण के खिलाफ भिन्न तरीके से प्रतिक्रिया करता है। शुभारंभ ग्राम प्रधान छन्नू राम ने किया। मंगल सिंह, चंद्रबली, राजीव सिंह, एनएमए श्रीप्रकाश सिंह, रवि गुप्ता आदि ग्रामीण मौजूद थे।

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