सत्कर्मों से ही ईश्वर होंगे प्रसन्न
क्षेत्र के लक्ष्मनगढ़ श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमछ्वागवत में कथावाचक संतदासजी महाराज ने कहा मनुष्य के रूप भगवान मनु ने जब ब्रम्हा
जासं, चहनियां (चंदौली) : लक्ष्मनगढ़ गांव स्थित श्रीराम जानकी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमछ्वागवत कथा में कथावाचक संत दासजी महाराज ने कहा मनुष्य के रूप भगवान मनु ने जब ब्रम्हा, विष्णु, महेश की तपस्या की तो तीनों देवताओं ने प्रकट होकर वर देने की इच्छा जाहिर की। मनु ने कहा उन्हें आप जैसे पुत्रों की प्राप्ति हो। भगवान विभिन्न रूपों में पृथ्वी पर आए। उन्होंने कहा भगवान भी मनुष्य का रूप लेने को परेशान थे। हमें जो मनुष्य का रूप मिला है उसे सत्कर्मों में लगाना चाहिए। तभी भगवान प्रसन्न होते हैं। लेकिन हम भगवान की सबसे प्रिय संरचना होने के बाद भी मोह, लोभ, अहंकार में फंसकर रह गए हैं। हम अपने आपको समझ ही नहीं पा रहे हैं। महेंद्र पांडेय, बालक दास, विवेक दास शास्त्री, राजेन्द्र पांडेय, मदन सिंह, मुनमुन, विशाल सिंह, रमाकांत पांडेय, कमला पांडेय आदि मौजूद थे।