मनरेगा सोशल आडिट की हकीकत परखेंगे सलाहकार

मनरेगा सोशल आडिट की हकीकत परखेंगे सलाहकार

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 05:19 PM (IST)
मनरेगा सोशल आडिट की हकीकत परखेंगे सलाहकार
मनरेगा सोशल आडिट की हकीकत परखेंगे सलाहकार

जासं, चंदौली : सोशल आडिट निदेशालय के सलाहकार एमपी सिंह 24 व 25 सितंबर को जिले में होंगे। वे जनपद में मनरेगा व पीएम आवास की कराई जा रही सोशल आडिट की पड़ताल तो करेंगे ही गांवों में जाकर हकीकत भी परेखेंगे। चहनियां में जिला, ब्लाक कोआíडनेटर व रिसोर्स पर्सन की समीक्षा बैठक कर उनसे फीड बैक लेंगे। मसलन अब तक सोशल आडिट ग्राम सभा की बैठक में उजागर कमियों व प्रशासनिक मशीनरी की ओर से अपेक्षित सहयोग पर भी मंथन होगा। इसके मद्देनजर जिला प्रशासन की ओर से तैयारियों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। खासकर जांच को लेकर मनरेगा के तहत तैनात एपीओ व तकनीकी सहायकों के माथे पर बल पड़ गया है। फाइलों को अपडेट किया जा रहा ताकि किसी प्रकार की कमी न रहने पाए।

मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में सहभागिता, जवाबदेही व पारर्दिशता लाने को निदेशालय की ओर से वित्तीय वर्ष 2018-19 में कराए गए कार्यों की सोशल आडिट कराई जा रही है। रोस्टर के अनुसार धानापुर, चहनियां व नियामताबाद में ब्लाक कोआíडनेटर व रिसोर्स पर्सन आडिट में लगे हैं। इन ब्लाकों में आडिट होने के बाद शहाबगंज विकास खंड की ग्राम पंचायतों में आडिट होनी है। इसमें चार सदस्यीय टीम भी लगाई गई है। ग्राम सभा की खुली बैठक में जिला प्रशासन की ओर से नामित पर्यवेक्षक, ग्राम सचिव, तकनीकी सहायक व ग्राम रोजगार सेवक की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है। लेकिन विडंबना कि सरकारी मशीनरी आडिट का खुला मखौल उड़ा रही है।

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अभिलेखों का रखरखाव भगवान भरोसे

पंचायत सचिव आडिट की अनदेखी कर रहे हैं। जबकि आडिट के उद्देश्य जवाबदेही में इनकी अहम भूमिका है। इतना ही नहीं विकास खंड के जिम्मेदार अधिकारी पीएम आवास की सेक व स्थायी पात्रता सूची उपलब्ध नहीं करा पा रहे। कई ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां अभिलेखों का रखरखाव भगवान भरोसे है। मजे की बात कि ग्राम पंचायत सचिवों का कार्य आउट साइडर संभाल रहे हैं। ऐसे में सोशल आडिट की मंशा पर पानी फिर रहा है। बहरहाल देखना यह है कि निदेशालय के सोशल आडिट सलाहकार आडिट की पारर्दिशता को कितना अमलीजामा पहना पाते हैं।

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औचक होगा गांव का चयन

ग्राम पंचायत की टेस्ट आडिट में सलाहकार किस गांव में जाएंगे यह अभी तय नहीं है। औचक गांव का चयन किया जाएगा ताकि आडिट की पारर्दिशता की जमीनी हकीकत को परखा जा सके। इसको लेकर अधिकारियों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।

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