ताकि लागे लगन, कुंवारे करा रहे महायज्ञ

भभुआ (कैमूर) : महायज्ञ करना एक आम बात हो गई है लेकिन यहां खास है। कैमूर में ऐसा गांव है जहां कुंवारे

By Edited By: Publish:Sun, 29 Mar 2015 10:45 PM (IST) Updated:Sun, 29 Mar 2015 10:45 PM (IST)
ताकि लागे लगन, कुंवारे करा रहे महायज्ञ

भभुआ (कैमूर) : महायज्ञ करना एक आम बात हो गई है लेकिन यहां खास है। कैमूर में ऐसा गांव है जहां कुंवारे मिलकर यज्ञ करा रहे हैं। इनका मकसद है कि सभी कुंवारों की शादी हो जाए जबकि कई कुंवारे तो शादी के इंतजार में ही मृत हो गए।

अधौरा प्रखंड के बड़गांव कला गांव ऐसा है जहां आने-जाने के लिए आज के दौर में भी कोई मार्ग नही है। इसके चलते गांव में इस समय 121 लोग कुंवारे हैं जिनकी उम्र 30 से 80 वर्ष तक है। इनमें कुंवारे कपिल मिश्र (60), वकील खरवार (70), देऊ यादव (75), राजगृह यादव (45), राधे मिश्र आदि भी शामिल है। यहां केंद्र और राज्य सरकार की सारी योजनाएं फेल हैं। ये लोग कुंवारे इसलिए हैं कि इस गांव में जाने के लिए सड़क कहीं से नहीं है । दूसरी ओर गांव वालों ने मिलकर 03 किमी पहाड़ काटकर लम्बी सड़क बना डाली। वर्ष जनवरी 2008 में यह कार्य शुरू कर फरवरी 2008 में उसे पूरा किया।

गांव की 50 वर्षीय प्रभावती देवी के अनुसार जब उनकी शादी हुई तो उन्हें पहाड़ की गुफाओं से होते हुए यहां लाया गया और उसके बाद मात्र दो बार वह मायके गई। आज उनके घर में चार भाई कुंवारे हैं जिनकी शादी आजतक नहीं हुई। वहीं कुंवारे कपिल मिश्र 60 वर्ष का कहना है की उनका वंश ही खत्म हो गया। उन्होंने कई बार प्रयास किया की दुल्हन लाऊं लेकिन किसी ने उन्हें अपनी बेटी नहीं सौपा। इंतजार करते-करते वह बूढ़े हो गये। मरने के बाद उनकी अर्थी कौन उठाएगा उन्हें इसकी ¨चता सता रही है।

ग्रामीणों में ठान लिया है कि अब कोई कुंवारा नही रहेगा और ग्रामीणों इस गांव को नाशमुक्त बनाना है यह गांव पहाड़ पर अवस्थित है। यहां हाई स्कूल भी है लेकिन शिक्षक नहीं जाते जिससे पढाई लिखाई बाधित है। यही कारण है कि 2015 में यहां एक भी बच्चे ने मैट्रिक की परीक्षा नही दी क्यों कि पढाई हुई ही नहीं। पूर्व मुखिया रामदयाल खरवार बताते हैं कि वह जब 2008 में मुखिया थे गांव के विकास के लिए उन्होंने डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाई लेकिन वन सेंचुरी होने कारण विकास बाधित रहा। इस गांव की आबादी 3 हजार है और आदिवासी बहुल्य क्षेत्र है। यज्ञ कराने गांव पहुंचे भिखारी बाबा का कहना है की यह गांव पूरी तरह कष्ट में है इसीलिए यज्ञ कराया जा रहा है।

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