.. ऐसा लगा मानो आतंकी बरसा रहे गोली

कुख्यात विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ को याद करके सिपाही अजय कुमार कश्यप सिहर उठते हैं। अस्पताल से छुट्टी के बाद अपने घर डिबाई लौटे अजय कहते हैं-ऐसा लग रहा था मानो आतंकी गोलियां चला रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 11:11 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 06:06 AM (IST)
.. ऐसा लगा मानो आतंकी बरसा रहे गोली
.. ऐसा लगा मानो आतंकी बरसा रहे गोली

बुलंदशहर, जेएनएन। कुख्यात विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ को याद करके सिपाही अजय कुमार कश्यप सिहर उठते हैं। अस्पताल से छुट्टी के बाद अपने घर डिबाई लौटे अजय कहते हैं-ऐसा लग रहा था मानो आतंकी गोलियां चला रहे हैं। तीन तरफ से गोलियां बरसाई गईं, जिससे संभलने तक का मौका नहीं मिला। पुलिस को छिपकर जान बचानी पड़ी। बाद में जब पुलिस ने गोलियां चलाईं तो बदमाश भाग निकले।

डिबाई के मोहल्ला शेखमचिस्ती पटेवाला निवासी अजय कुमार कश्यप कानपुर के बिठूर थाने में बतौर सिपाही तैनात हैं। उनकी ड्यूटी एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह के हमराह के रूप में है। अजय ने बताया कि मुठभेड़ की रात करीब 10 बजे एसओ ने गांव बिकरू में दबिश डालने का आदेश दिया। अजय अपने साथी सिपाही जितेंद्र, बबलू, राहुल और मंदना चौकी इंचार्ज अनूप कुमार के साथ बिकरू पहुंचे। शिवराजपुर और चौबेपुर थाने का फोर्स भी आ गया। कुल 35 पुलिसकर्मी थे। जहां जेसीबी लगी थी, वहीं गाड़ी को रोक दिया। पूरे गांव में अंधेरा होने के कारण कुछ नहीं दिख रहा था।

विकास दुबे के घर के बाहर एक पोल पर बल्ब जल रहा था। जैसे ही पुलिसकर्मी इस बल्ब की रोशनी में आए, बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। अजय ने बताया कि उन्होंने एक दीवार की आड़ लेकर गोली चलाई, लेकिन गोली आरोपितों तक नहीं पहुंच पा रही थी।

गोलीबारी में अजय के साथी बबलू, राहुल, जितेंद्र शहीद हो गए। मंदना चौकी इंचार्ज अनूप कुमार भी शहीद हो गए। अजय को दो गोली जबकि एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह को एक गोली लगी। बाद में और फोर्स पहुंचा तो आरोपित फरार हो गए। टार्च जलाते ही शुरू हुई फायरिग

अजय बताते हैं, जब वे लोग विकास दुबे के घर के नजदीक पहुंचे तो उन्हें शक हुआ कि छत पर कुछ लोग हैं। इसके बाद एक सिपाही ने जैसे ही टार्च जलाई, गोलियां चलनी शुरू हो गईं। तब तक पुलिस बल्ब की रोशनी में भी आ गई थी। 100 से 150 राउंड गोलियां चलीं

अजय का कहना है कि 100-150 राउंड गोलियां बदमाशों की तरफ से चलीं। जब उन्हें पता चला कि सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए तो उन्हें बेहद दुख हुआ।

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