गंगा के आंसू पोछ रहे बुंदू खां

बुलंदशहर: गंगा का प्रदूषण किसकी चिंता का विषय नहीं है? यह अलग बात है कि अपनी इस चिंता को अमली जामा क

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 10:17 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 10:17 PM (IST)
गंगा के आंसू पोछ रहे बुंदू खां
गंगा के आंसू पोछ रहे बुंदू खां

बुलंदशहर: गंगा का प्रदूषण किसकी चिंता का विषय नहीं है? यह अलग बात है कि अपनी इस चिंता को अमली जामा कोई-कोई ही पहनाता है। उन्हीं चंद लोगों में बुंदू मियां भी हैं। छोटी काशी के नाम से मशहूर अनूपशहर निवासी बुंदू खां मुसलमान हैं और कारपेंटरी का काम करते हैं। वह चाहते हैं कि गंगा निर्मल हो। निर्मल गंगा संपूर्ण मानवता के हित में है। इसके लिए वह बड़ी शिद्दत से कोशिश भी कर रहे हैं। अपनी टोली के साथ हर गुरुवार और रविवार को अनूपशहर के गंगा घाटों पर पहुंचकर गंदगी साफ करते हैं। उनके इस प्रयास को सरकारी स्तर पर भी सराहना मिली है। पिछले साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें गंगा सफाई के लिए सम्मानित किया था।

पांच साल पहले

42 वर्षीय बुंदू खां बताते हैं कि करीब डेढ़ दशक पहले अपने गांव शेरपुर से अनूपशहर आए और यहीं बस गए। कारपेंटरी के काम के साथ शौकिया तौर पर मछलियों को दाना डालने के लिए गंगा किनारे जाया करते थे। गंगा तट पर गंदगी देख उन्हें बड़ा दुख होता। उन्हें जो कूड़ा-करकट दिखता उसे साफ करते। करीब पांच साल पहले अपने परिचित लोगों को भी इस काम में जोड़ा। फिलहाल उनके सहयोगियों की संख्या 40 पहुंच चुकी है। इनमें दो मुस्लिम असलम गाजी और अय्यूब खां भी शामिल हैं। सहयोगियों में व्यापारी और नौकरीपेशा दोनों हैं।

इसलिए रविवार और गुरुवार

सबकी राय से तय किया गया कि नौकरीपेशा लोग रविवार और व्यापारी बाजार की साप्ताहिक बंदी वाले दिन गुरुवार सुबह सफाई अभियान चलाएंगे। बुंदू खां बताते हैं कि यह सिलसिला चल निकला। अनूपशहर के छह गंगा घाटों में से हर गुरुवार और रविवार को तीन-तीन घाटों की सफाई की जाती है। घाटों पर छोड़ी गई पॉलीथिन, कपड़ों समेत वहां छोड़ा गया कूड़ा वे लोग साफ करते हैं।

सबकी है गंगा, धर्म से न जोड़ें

बुंदू खां कहते हैं कि ¨हदुओं के लिए पूज्य गंगा देश के हर तबके के लिए लाभकारी है। इसे किसी धर्म विशेष से नहीं जोड़ना चाहिए। मुसलमान भी गंगा जल पीते हैं। उससे वजू करते हैं। गंगा का स्वच्छ और निर्मल होना संपूर्ण मानवता के हित में है। गंगा सफाई का काम सरकार अकेले नहीं कर सकती। उसमें जनसहभागिता बहुत जरूरी है। गंगा की स्वच्छता हम सभी का दायित्व है। इसी सोच के साथ वे इस अभियान से जुड़े हैं। गंगा की सफाई को उन्होंने अपने जीवन का मिशन बना लिया है।

ईद पर सफाई कर दिया संदेश

ईद होने की वजह से उन्होंने इस बार शनिवार को विशेष सफाई अभियान भी चलाया। इस मौके पर सभी धर्मो के लोगों से हर पर्व पर गंगा सफाई का अभियान चलाने की अपील भी की। कहा, गंगा को गंदगी से मुक्ति दिलाने में सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित

पिछले साल अप्रैल को इलाहाबाद में गंगा हरीतिमा अभियान के तहत आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुंदू खां को भी गंगा सेवक के तौर पर सम्मानित किया था। बुंदू बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने उन्हें गले से लगाकर कहा कि कोई भी जाति या धर्म अच्छे कर्म को मना नहीं करता। अच्छे कर्म वाले को ऊपर वाला सदैव अच्छा परिणाम देता है।

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