बाढ़ नहीं डिगा सकी स्कूल जाने का हौसला

ब्रजवीर चौधरी, बिजनौर : 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यार

By Edited By: Publish:Wed, 27 Jul 2016 09:43 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jul 2016 09:43 PM (IST)
बाढ़ नहीं डिगा सकी स्कूल जाने का हौसला

ब्रजवीर चौधरी, बिजनौर : 'कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों'। विदुर की धरती पर पैदा हुए हिन्दी गजल सम्राट दुष्यंत की इस पंक्ति को जिले के नौनिहालों ने पूरी तरह आत्मसात कर लिया है। बारिश और बाढ़ की भयंकर बाधाएं भी उनका रास्ता नहीं रोक पा रहीं। हर तरफ पानी होने के बावजूद इन नौनिहालों के इरादे नहीं डिगे और हर रोज नदियों और नालों को अपने हौसले के दम पर पार करते हुए अपने जीवन में शिक्षा की ज्योति जला रहे हैं।

बरसात के मौसम में हर साल जनपद के कई हिस्से बाढ़ एवं जलभराव की चपेट में आ जाते हैं। नदियां उफान पर होती हैं और रास्तों को अपने आगोश में ले लेती हैं। इनमें से अधिकांश वे रास्ते होते हैं जिनसे बच्चे स्कूलों में आते जाते हैं। लेकिन उफनाती नदियां इन नौनिहालों के इरादों को कमजोर नहीं कर पातीं।

कोतवाली देहात क्षेत्र के ग्राम सुंदरवाली व औरंगजेबपुर शाहली उत्तराखंड की सीमा से सटे क्षेत्र में बसे हुए हैं। मैदान और पहाड़ी क्षेत्र में बारिश होने से तमाम नदियां उफान पर हैं, जिससे क्षेत्र में संपर्क मार्ग तक बंद हो गए हैं। लेकिन छात्र-छात्राओं को स्कूल जाने से बाढ़ डिगा नहीं पा रही है। अनेक गांवों के छात्र व शिक्षक रोजाना नदियों के पानी से होकर स्कूलों में जा रहे हैं।

बोले अफसर

मैदानी व पहाड़ी क्षेत्र में तेज बारिश होने से कई नदियां उफान पर हैं। जिन नदियों में पानी कम हुआ है उन्हें पार करके बच्चे व शिक्षक स्कूल जा रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी स्कूलों के अध्यापकों को सुरक्षित रहने और ग्रामीणों की उपस्थिति में पानी पार करने को कहा है।

-देशराज वत्स, खंड शिक्षा अधिकारी कोतवाली देहात।

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