पर्व स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, अर्चना एक्सप्रेस की बुकिग शुरू

जासं भदोही पर्व स्पेशल ट्रेनों का परिचालन एक माह के लिए बढ़ा दिया गया है। गोरखपुर एक्सप्रे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 11:43 PM (IST)
पर्व स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, अर्चना एक्सप्रेस की बुकिग शुरू
पर्व स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, अर्चना एक्सप्रेस की बुकिग शुरू

जासं, भदोही : पर्व स्पेशल ट्रेनों का परिचालन एक माह के लिए बढ़ा दिया गया है। गोरखपुर एक्सप्रेस व सुपर फास्ट रत्नागिरी एक्सप्रेस के बाद बुधवार से अर्चना एक्सप्रेस की आरक्षण बुकिग चालू कर दी गई है। भदोही स्टेशन होकर चलने वाली तीनों पर्व स्पेशल ट्रेनों की परिचालन अवधि बढ़ने से यात्रियों को राहत मिली। रत्नागिरी व अर्चना एक्सप्रेस में एक दिसंबर व गोरखपुर एक्सप्रेस में 30 नवंबर तक आरक्षण की सुविधा थी, पर्व स्पेशल ट्रेनों का परिचालन बंद होने की आशंका जताई जा रही थी। इंटरनेट के माध्यम से टिकटों की बुकिग भी शुरू हो गई है। कर्मचारियों की मानें तो अधिकतर टिकट इंटरनेट के माध्यम से बुक हो रहे हैं। --------

तीन दिन में बुक हो गए मुंबई के टिकट

मायानगरी मुंबई जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। नियमित रूप से चल रही कामायनी एक्सप्रेस में 15 जनवरी तक सभी टिकट बुक हो चुके हैं। वहीं, पर्व स्पेशल रत्नागिरी एक्सप्रेस व गोरखपुर एक्सप्रेस में 31 दिसंबर तक के टिकट महज तीन दिन में बुक हो गए। उधर मंडुआडीह से मीरजापुर होते हुए लोकमान्य तिलक तक चलने वाली नई ट्रेन में 23 दिसंबर तक सभी सीटें बुक हैं।

नियमित भाप लीजिए, दूर होंगी व्याधियां

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : ठंड में कोरोना व अन्य व्याधियों के प्रभाव को कम करने के लिए भाप लेना बहुत ही लाभकारी है। बुधवार को सीएमओ कार्यालय के सभागार में आयोजित गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. लक्ष्मी सिंह ने डाक्टरों को प्रशिक्षित कर यह जानकारी दी। सीएमओ ने कहा कि भाप लेने से गले में खराश, खांसी, जुकाम और होने वाले मौसमी बुखार से राहत मिलती है। बताया कि ठंड के मौसम में किसी भी प्रकार का ठंडी वस्तुओं का सेवन करने से बचें। संक्रमितों को हर तीन घंटे पर भाप लेना आवश्यक है। भाप कैसे खत्म करता है वायरस

पानी से भाप बनने में 259 किलो जूल एनर्जी लगती है। यही भाप दोबारा पानी बनने के बाद एनर्जी छोड़ता है। नाक के रास्ते भाप अंदर प्रवेश कर पानी बनने के बाद बाहर आ जाता है। इसी के साथ वायरस भी खत्म हो जाता है।

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