उन्नत नस्ल का भेड़ पालन कर बढ़ाएं आमदनी

उन्नत नस्ल के भेड़ का पालन कर पालक आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्नत नस्ल से बेहतर ऊन उत्पादन होगा जिससे पालकों की माली हालत सुधरेगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के निदेशक डा. बी ¨सह ने यह बातें कहीं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 07:33 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 10:16 PM (IST)
उन्नत नस्ल का भेड़ पालन कर बढ़ाएं आमदनी
उन्नत नस्ल का भेड़ पालन कर बढ़ाएं आमदनी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : उन्नत नस्ल के भेड़ का पालन कर पालक आमदनी बढ़ा सकते हैं। उन्नत नस्ल से बेहतर ऊन उत्पादन होगा जिससे पालकों की माली हालत सुधरेगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां में मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के निदेशक डा. बी ¨सह ने यह बातें कहीं। इस दौरान कुल 15 पालकों को (नाली-मेरीनो) नस्ल के भेड़ का वितरण किया गया।

कहा कि पालक अपने भेड़ों के झुंड में इन्हें शामिल कर इनके जरिए होने वाले बच्चों से उन्नत नस्ल तैयार कर सकते हैं। केंद्र प्रभारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने किसानों, पशुपालकों को पशुपालन की तकनीक के बारे में बताया। मुख्य विकास अधिकारी डा. आरबी मौर्य ने भेड़ा प्रजनन प्रक्षेत्र नौगढ़ से आए क्रास ब्रिड भेड़ों के विशेषता तथा लाभ के बारे में जानकारी दी। डा. एके चतुर्वेदी ने सब्जी व उद्यान रोपण की तकनीकी जानकारी दी तो पशु चिकित्सा विशेषज्ञ डा. गो¨वद कुमार चौधरी ने भेड़ पालन पर विस्तार से बताया। डा. आरपी चौधरी ने खेती में लागत कम करने व उत्पादन बढ़ाने की तकनीक के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान 1857 क्रांति के शहीद झूरी ¨सह के परिजन रामेश्वर ¨सह को अंगवस्त्रम भेंटकर सम्मानित किया गया। इस मौके पर तकनीकी सहायक डीपी ¨सह, डा. प्रभाषचंद्र ¨सह, वीवी दीप्तिकार सहित बड़ी संख्या में भेड़, पशुपालक व किसान थे।

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