कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच के बारे में छात्रों को बताया

द्वितीय तकनीकी सत्र में छात्र-छात्राओं की ओर से पीसीआर तकनीक और उसकी उपयोगिता संबंधित सैद्धांतिक जानकारी प्राप्त की गई। उसके उपरांत उन्होंने इस तकनीक का प्रयोग किया। परीक्षण किया। बताया गया कि इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में बीमारियों की पहचान के साथ-साथ जीवाश्म की जिनोम सीक्वेंसिग एवं अपराध जगत में व्यापक पैमाने पर किया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 11:25 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 11:25 PM (IST)
कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच के बारे में छात्रों को बताया
कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच के बारे में छात्रों को बताया

बस्ती : शिवहर्ष किसान पीजी कालेज (केडीसी) में प्राणी विज्ञान विभाग एवं साइटोजिन के संयुक्त तत्वावधान में चल रही तीन दिवसीय डीएनए व फिगरप्रिट कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को प्रथम तकनीकी सत्र में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं की ओर से डीएनए को अलग कर अगरोज जैल करके उसे देखा। कार्यशाला में चिकित्सा क्षेत्र में की जाने वाली और कोरोना वायरस के आरटीपीसीआर जांच के बारे में भी बताया गया।

द्वितीय तकनीकी सत्र में छात्र-छात्राओं की ओर से पीसीआर तकनीक और उसकी उपयोगिता संबंधित सैद्धांतिक जानकारी प्राप्त की गई। उसके उपरांत उन्होंने इस तकनीक का प्रयोग किया। परीक्षण किया। बताया गया कि इस तकनीक का उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में बीमारियों की पहचान के साथ-साथ जीवाश्म की जिनोम सीक्वेंसिग एवं अपराध जगत में व्यापक पैमाने पर किया जाता है। वर्तमान में इसी तकनीक का नवीनतम स्वरूप आरटीपीसीआर का प्रयोग कोविड-19 के टेस्ट में व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। कार्यशाला के तीसरे सत्र में छात्रों द्वारा डीएनए तकनीक की फोटोग्राफी इत्यादि पर काम किया। इस दौरान साइटोजिन के टीम के डायरेक्टर सुजीत कुमार सिंह एवं उनके टीम के अन्य सदस्य के साथ साथ महाविद्यालय में प्राणी विज्ञान विभागाध्यक्ष डा. सुस्मिता श्रीवास्तव एवं डा. धर्मेंद्र सिंह, डा. सपना रानी लगातार विभिन्न विषयों पर अपना निर्देशन देते रहे। द्वितीय सत्र में पीसीआर तकनीक के परीक्षण को देखने महाविद्यालय के प्राचार्य डा. रघुवंश मणि त्रिपाठी पहुंचे। टीम से उस तकनीक की उपयोगिता संबंधित जानकारी प्राप्त की। इस दौरान डा. ओपी सिंह, डा. राजेश सिंह, डा. प्रदीप श्रीवास्तव, डा. शिवेंद्र मोहन पांडेय, डा. विशाल प्रकाश, डा. संजय सिंह, डा. अश्वनी श्रीवास्तव, डा. हनुमान चौधरी, डा. रतन सिंह आदि मौजूद रहे।

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