टूटकर खत्म हो गई 38 लाख की सड़क, फिर वही मुसीबत

शहर के पचपेड़िया मार्ग की सूरत दशक भर से बदहाल है। तीन साल पहले नगर पालिका ने इस सड़क के निर्माण का बीड़ा उठाया था। 78 लाख की परियोजना तैयार हुई। मगर यह सड़क अनियमितता की भेंट चढ़ गई। शासन से प्रथम किस्त 38 लाख रुपये मिली। मानक ताख पर रख निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 11:39 PM (IST) Updated:Tue, 12 Feb 2019 11:39 PM (IST)
टूटकर खत्म हो गई 38 लाख की सड़क, फिर वही मुसीबत
टूटकर खत्म हो गई 38 लाख की सड़क, फिर वही मुसीबत

बस्ती : शहर के पचपेड़िया मार्ग की सूरत दशक भर से बदहाल है। तीन साल पहले नगर पालिका ने इस सड़क के निर्माण का बीड़ा उठाया था। 78 लाख की परियोजना तैयार हुई। मगर यह सड़क अनियमितता की भेंट चढ़ गई। शासन से प्रथम किस्त 38 लाख रुपये मिली। मानक ताख पर रख निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। रात दिन एक कर 38 लाख रुपये सड़क निर्माण में खपा दिए गए। खराब गुणवत्ता के खिलाफ आवाज लगातार उठती रही। तत्कालीन ईओ ने तीन बार ठेकेदार को नोटिस दिया था। कार्रवाई से बचने का यह नायाब तरीका था। मौके पर कोई सुधार नहीं हुआ। तब सपा की सरकार थी। गनीमत यह कि 40 लाख की दूसरी किस्त शासन से अवमुक्त ही नहीं हुई। इधर बरसात शुरू हुई तो पूरी सड़क साल भीतर उखड़ गई। अब अनेक गड्ढे बन आए हैं। मोहल्लेवासियों के सामने वही मुसीबत फिर से है।

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निर्माण कार्यों की नहीं होती निगरानी

निर्माण कार्य भला गुणवत्ता के अनुरूप कैसे हो जब तकनीकी अधिकारी पर्यवेक्षण ही नहीं करते हैं। सड़क, नाली निर्माण के दौरान जिम्मेदार मौके से गायब रहते हैं। ठेकेदार मनमाने ढंग से कार्य कराते हैं। यह नगर पालिका की पुरानी परंपरा है।

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तकनीकी कारणों से टूटी सड़क

अवर अभियंता अशोक ¨सह सड़क टूटने का तकनीकी कारण बताते हैं कि इस मार्ग पर पानी जमा होने से नमी अधिक रहती है। इसीलिए तारकोल की सड़क टिकाऊ नहीं होगी। यहां सीसी रोड ही कारगर होगी।

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पचपेड़िया सड़क निर्माण की जांच आख्या तलब की गई है। रिपोर्ट मिलते ही कार्रवाई कर जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा। अनियमितता पर ठेकेदार बख्शे नहीं जाएंगे।

रूपम मिश्रा, अध्यक्ष, नपा, बस्ती।

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