कैसे जहरीला हुआ कुआनों का पानी, जांच शुरू
कुआनो के जहरीले पानी से मछलियां मरने की घटना पर प्रदूषण बोर्ड की नींद टूटी है। प्रशासन की सख्ती के बाद बोर्ड ने जहरीले पानी का नमूना भरा और जांच के लिए केंद्रीय प्रयोगशाला
बस्ती : कुआनों नदी का पानी जहरीला कैसे हुआ इसकी जांच शुरू हो गई है। रविवार को एसडीएम सदर एसपी शुक्ल ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी अखिलेश त्रिपाठी और तहसीलदार पवन जायसवाल के साथ अमहट घाट पर पहुंचकर नदी के प्रदूषित जल देखा। तहसीलदार सदर को बसही बांध तक भेजा गया। हर्रैया और भानपुर के तहसीलदारों ने भी अपने अपने इलाके में कुआनो नदी की जांच की। नदी कहां से प्रदूषित हुई है,इसकी जांच की जा रही है। दूसरी तरफ यह मामला सामने आने के तीसरे दिन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों की निद्रा टूटी। जल का नमूना जांच के लिए भरा और इसे केंद्रीय प्रयोगशाला भेजा।
तीन दिनों से टिनिच से लेकर अमहट तक नदी में जलीय जीव जंतुओं के मरने की खबर आ रही है। शनिवार को बस्ती में इस मुद्दे पर जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हो हल्ला मचाया तो डीएम ने इसकी जांच के आदेश दिए। रविवार को प्रदूषण बोर्ड के साथ ही तहसीलों के अधिकारी भी इसकी जांच करने निकले। जांच में बिसुही नदी से पानी रंगीन होना पाया। बोर्ड ने सुयश पेपर मिल का भी निरीक्षण किया। वैज्ञानिक सहायक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नदी की जांच में मछलियां मरी हुई मिली हैं, पानी काला दिखा। आसपास के लोगों से बातचीत भी की गई। इस स्थिति से अयोध्या प्रदूषण बोर्ड को अवगत कराया गया है। सदर तहसीलदार पवन जायसवाल ने बताया श्रीपालपुर गांव तक नदी की स्थिति जांची, जिसमें पाया मछलियां आगे से ही मरी हुई आ रही हैं। इसकी रिपोर्ट दे दी गई है।
कुआनो नदी का पानी काला और जहरीला होने के साथ ही बदबूदार हो गया है। दुर्गंध से आसपास खुले में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दुर्गंध इतनी तेज रही सुबह व्रती महिलाओं को अर्घ्य देने में भी काफी परेशानी हुई। नदी का पानी जानवरों के भी पीने लायक नहीं रह गया है।