घर में पानी व बच्चे चारपाई पर , दूसरे के घर बन रहा भोजन

पेट की भूख मिटाने के लिए राहत किट का इंतजार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 10:51 AM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 10:51 AM (IST)
घर में पानी व बच्चे चारपाई पर , दूसरे के घर बन रहा भोजन
घर में पानी व बच्चे चारपाई पर , दूसरे के घर बन रहा भोजन

बस्ती: सरयू नदी की बाढ़ से अशोकपुर ग्राम पंचायत के सभी 16 पुरवे जलमग्न है। यहां की कुल आबादी आठ हजार से अधिक है। राजस्व विभाग के आंकड़े में दो पुरवे पानी से घिरे हैं। बाकी आंशिक रूप से प्रभावित दर्शाये गए हैं। हालांकि हकीकत कुछ और ही है। पक्के मकान वाले छत पर रह रहे हैं। जबकि झोपड़ी में रहने वाले ऊंचे स्थान पर चले गए हैं।

मंगलवार को दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो अशोकपुर के छोटकी भुअरिया, दयारामपुरवा, सतहा, बलुइया, 16 नंबर केवट पुरवा,चौहान पुरवा, गोडियाना, बदलूपुरवा, जेठूपुरवा, मुजहनिया,410 नंबर, बिचला पुरवा, बड़का पुरवा,बनवारीपुरवा और डोलाटी पुरवा आदि गांवों में बाढ़ पीडित काफी परेशान दिखे। बाढ़ का पानी अधिकतर घरों में घुस गया है। तमाम परिवार के लोग बच्चों को लेकर छतों पर निवास करने को मजबूर हैं। जोखू पुरवा निवासिनी गीता देवी ने बताया घरों में पानी घुसने के कारण बच्चे चारपाई पर बैठे रहते हैं वही खाना दूसरे के घर बनाकर लाना पड़ता है। भुअरिया की गीता देवी के घर में पानी भर जाने के कारण उनको छत के ऊपरी हिस्से पर रहना पड़ रहा है। बताया पशुओं को रिश्तेदार के यहां बांध आए है। इसी तरह गांव के अर्जुन,रामसहाय, दशरथ आदि के भी घरों में पानी घुस गया है। गांव के प्रधान प्रतिनिधि समीर चौहान ने बताया 200 बीघा कृषि योग्य जमीन सरयू अभी तक निगल चुकी है। कई पुरवों के संपर्क मार्ग बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। मुख्य मार्ग तक नाव से आना जाना हो रहा है। तहसीलदार चंद्रभूषण प्रताप ने बताया स्थलीय निरीक्षण करा कर मैरुंड हुए सभी गांवों के ग्रामीणों को बाढ़ राहत सामग्री दिलाई जाएगी ।

कुदरहा ब्लॉक क्षेत्र के मैरुंड़ गांवों में बाढ़ पीड़ितों को अब तक कोई राहत नहीं मिल पाई है। ग्राम पंचायत बैड़ारी एहतमाली के चार पुरवों में करीब सात सौ घर हैं। यहां दो बार बाढ़ आ चुकी है। टिलियांव निवासी सतीश चंद्र और प्रहलाद ने बताया कि उनके घरों में खाने पीने का सामान पूरी तरह खराब हो गया है। मईपुर गांव निवासी जितेन्द्र यादव,कन्हैया राजभर,धर्मेन्द्र राजभर,राम जनम,रामदरश,रामलौट,सजन,गुलशन यादव ने बताया कि दस दिन गुजरने के बाद भी राहत अब तक नहीं मिली। गांवों के चारो तरफ पानी ही पानी है। अभी तक गांव में न तो स्वास्थ्य विभाग और न ही पशु पालन विभाग की टीम पहुंची है। तहसीलदार पवन जयसवाल ने बताया कि गांवों को मैरुंड घोषित कर नाव की व्यवस्था कर दी गई है। राशन किट के लिए डिमांड शासन से की गई है। शीघ्र ही वितरण कराया जाएगा।

टिलियांव गांव निवासी घुरहू निषाद ने बताया कि गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर चुका है।अभी तक प्रशासन के द्वारा कोई राहत सामग्री नही मिली है।

बाढ़ प्रभावित गांव कल्याणपुर गांव चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिर गया है। गांव में जाने वाले रास्ते पर कमर भर पानी भरा हुआ है। आने जाने के लिए एक नाव लगाई गई है। तमाम बाढ़ पीड़ित जरूरत की सामग्री के लिए जान खतरे में डालकर बाहर आते जाते दिखाई दिए। घरों में पानी होने के चलते पास के भरथापुर गांव निवासी सीताराम, फागू आफत, जग्गी लाल, राम सुभावन कल्याणपुर गांव निवासी लाल बहादुर, राजकुमारी, विजय कुमारी, राधे श्याम, सहित अन्य लोग कल्याणपुर गांव में बने बारात घर में बच्चों के साथ रह रहे हैं।

chat bot
आपका साथी