समय से नहीं हो पा रही गन्ना तौल, किसान परेशान

मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना तौल केंद्र हथियांव कला- बी पर गन्ना परिवहन की समस्या के चलते किसानों को गन्ना तौल कराने में लंबा समय लग जा रहा है। गन्ना पर्ची तौल के इंतजार में ही हायल हो जा रही है। पूरा परिसर गन्ना लदी ट्रालियों से भरा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 10:54 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 10:54 PM (IST)
समय से नहीं हो पा रही गन्ना तौल, किसान परेशान
समय से नहीं हो पा रही गन्ना तौल, किसान परेशान

बस्ती: क्रय केंद्र पर गन्ने की तौल समय से न हो पाने के कारण किसान परेशान हैं। उनके पर्ची की समय सीमा तौल से पहले ही समाप्त हो जा रही है। गन्ने की तौल के लिए कांटा लिपिक और किसानों की नोकझोंक भी बराबर होती है, लेकिन तौल शुरू होने के एक माह बाद भी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी है।

मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना तौल केंद्र हथियांव कला- बी पर गन्ना परिवहन की समस्या के चलते किसानों को गन्ना तौल कराने में लंबा समय लग जा रहा है। गन्ना पर्ची, तौल के इंतजार में ही हायल हो जा रही है। पूरा परिसर गन्ना लदी ट्रालियों से भरा है। क्रय केंद्र पर गन्ना सूखते देख किसान इसका ठीकरा जिम्मेदारों पर फोड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि पेड़ी गन्ना काट कर गेहूं की बोवाई करते हैं। तौल समय से न होने के कारण उनके खेत खाली नहीं हो पा रहे हैं, जिससे बोआई का काम भी पिछड़ गया है। वहीं दूसरी तरफ ट्राली पर गन्ना सूखने से वजन भी कम हो रहा है।

व्यवस्थागत खामियों के कारण किसान औने पौने दाम पर क्रशर पर गन्ना बेचने को मजबूर हैं। समय से तौल न हो पाने से नकदी फसल के रूप में आर्थिक समृद्धि का माध्यम गन्ना अब किसानों के लिए सिर दर्द बन गया है। कांटा लिपिक देवेंद्र सिंह ने बताया कि ट्रक की कमी के चलते समस्या हो रही है। 28 नवंबर से ही अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। तीन ट्रक की लोडिग है पर एक या दो ही आ रहा है। रामचंद्र सिंह ने बताया कि तौल केंद्र पर गन्ना लाए एक सप्ताह से अधिक समय हो गया, अभी तक तौल नहीं हो पाया। एक तरफ गन्ने का वजन दिन ब दिन कम हो रहा है तो दूसरी तरह गाड़ी का भाड़ा भी बढ़ रहा है। भानमती ने बताया कि गन्ने की तौल कराने के लिए 15 दिन से परेशान हैं। महिला होने के बाद भी उनके गन्ने की तौल नहीं हो सकी। पर्ची भी हायल हो गई। क्रशर वाले भी अब गन्ना खरीदने से आनाकानी करेंगे। विनोद सिंह ने बताया कि 10 बीघा गन्ने की बोआई हुई है। यदि समय से गन्ना बिक गया होता तो गेहूं की बोआई कर दोहरा लाभ मिल जाता ,लेकिन लचर व्यवस्था देखकर नहीं लगता कि फरवरी तक भी खेत खाली हो पाएगा। गोरखनाथ ने बताया कि मुंडेरवा मिल चालू होने से खुशी मिली थी, लेकिन गन्ने की तौल न होने से मन दुखी है। सुबह शाम एक सप्ताह से तौल के लिए चक्कर लगा रहे हैं। अभी तक तौल का नंबर नहीं आया। कृषि कार्य के बहाने गन्ना ढो रहे ट्राले, जिम्मेदार बेपरवाह

मुंडेरवा चीनी मिल के गन्ना क्रय केंद्रों से गन्ना ढुलाई में लगाए गए ट्रालों में अधिकतर अनफिट हैं। इन पर क्षमता से अधिक गन्ना लोड कर चीनी मिल गेट तक लाया जाता है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।

चीनी मिल मुंडेरवा में गत पेराई सत्र में ट्रकों से अधिक ट्रालों के द्वारा क्रय केंद्रों से गन्ना ढुलाई कराई जा रही है। ढुलाई में लगाए गए अधिकांश ट्राले बिना परमिट ही रोड पर चलते हैं। ढुलाई में प्रयुक्त हो रहे ट्राले अक्सर रोड पर पलट जाते हैं या फिर सड़क पर खराब हो जा रहे हैं। इससे सड़क जाम हो जता है। पिछले माह मुंडेरवा महादेवा मार्ग पर ट्राले के खराब हो जाने के कारण घंटों आवागमन प्रभावित रहा। इसके बावजूद अनाधिकृत ट्रालों से गन्ना ढुलाई का कार्य कराया जा रहा है।

मुख्य गन्ना प्रबंधक कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि कितने ट्राले ढुलाई में लगे हैं, उनका परमिट है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है।

आरटीओ सगीर अहमद ने बताया कि

गन्ना ढोने में लगाए गए ट्रालों की फिटनेस के साथ ही परमिट की भी जांच कराई जाएगी। जो भी ट्राला अवैध रूप से संचालित मिलेगा, उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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