निर्दल प्रत्याशियों को नहीं दी तरजीह

By Edited By: Publish:Wed, 23 Apr 2014 10:01 PM (IST) Updated:Wed, 23 Apr 2014 10:01 PM (IST)
निर्दल प्रत्याशियों को नहीं दी तरजीह

विवेक कुमार मिश्र, बस्ती: गांव की पंचायत से लेकर दिल्ली के कनाट प्लेस तक चुनाव की जुबानी खुश्बू फैल रही है। विभिन्न राष्ट्रीय पार्टियों के साथ क्षेत्रीय पार्टियों की नीतियों और वादों की समीक्षा हो रही है। इन सब के बीच निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी रंग में रंगने के साथ परिणाम आने चमक बरकरार रखने की जुगत में है। लेकिन बस्ती की जनता ने पहली लोकसभा से अब तक निर्दलीय उम्मीदवारों को अपना रहनुमा चुनने से इन्कार किया है। जबकि बाकी प्रत्याशियों की तरह निर्दलीय भी हर बार जनता के हर घाव को भरने का आश्वासन देने में कोई कसर नही छोड़ते है। बावजूद न जाने किस की नजर लगी हुई है कि चुनावी पिच पर बस्ती की लोक सभा सीट पर निर्दलियों ने अब तक जीत दर्ज करने में सफलता नही पाई है। जबकि पहली लोक सभा चुनाव से 15वीं तक तकरीबन तीन दर्जन ने अपनी दावेदारी पेश की। अब इसे विभिन्न पार्टियों के प्रति जनता का अटूट विश्वास कहे या कुछ और कि कई जनप्रतिनिधियों को चुनने में बदलाव किया लेकिन निर्दलियों को तरजीह नहीं दी। जबकि कई चुनाव में जनप्रतिनिधि जातिगत आधार पर चुनावी समीकरण बैठाकर जीते लेकिन यहां भी निर्दली मायूसी मिली। इसके बाद भी इस बार निर्दल प्रत्याशी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।

7 बार कांग्रेस ने जीती बाजी

बस्ती लोक सभा सीट से अब तक सात पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों ने दबदबा कायम किया है। जबकि आठ बार बीजेपी, बीएसपी व अन्य पार्टी को जीत मिली है। हर बार निर्दल प्रत्याशी मैदान में उतरे लेकिन उन्हें उदासी के सिवा कुछ नही मिला।

कब किसने मारी बाजी:

वर्ष प्रत्याशी पार्टी

1952- उदय शंकर दूबे- कांग्रेस

1957- के डी मालवीय- कांग्रेस

1962- केडी मालवीय- कांग्रेस

1967- शिव नरायण- कांग्रेस (आइएनसी)

1971- अनंत धूसिया, कांग्रेस (आइएनसी)

1977- शिव नरायन, बीएलडी, लोकदल

1980- कल्पनाथ, इंदिरा, कांग्रेस

1984- राम अवध प्रसाद, कांग्रेस

1989- कल्पनाथ सोनकर, जनता दल

1991- श्यामलाल कमल, बीजेपी

1996- श्रीराम चौहान, बीजेपी

1998- श्रीराम चौहान, बीजेपी

1999- श्रीराम चौहान, बीजेपी

2004- लालमणि प्रसाद, बीएसपी

2009- अरविंद कुमार चौधरी, बीएसपी

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