बीवियों ने शौहरों को कहा, तलाक-तलाक-तलाक

केंद्र सरकार के एक साथ तीन तलाक पर रोक का अध्यादेश लाने से पुरुष बैकफुट पर आए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Jun 2018 05:51 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jun 2018 05:51 PM (IST)
बीवियों ने शौहरों को कहा, तलाक-तलाक-तलाक
बीवियों ने शौहरों को कहा, तलाक-तलाक-तलाक

जागरण संवाददाता, बरेली : केंद्र सरकार के एक साथ तीन तलाक पर रोक का अध्यादेश लाने से पुरुष बैकफुट पर आए हैं लेकिन, इससे महिलाओं का हौसला बढ़ा है। इसका प्रमाण शनिवार दोपहर न्यायालय परिसर में देखने को मिला। दो महिलाओं ने अपने पतियों को तीन तलाक कहकर उनसे छुटकारा पा लिया। इसलिए क्योंकि वे उनसे तंग आ चुकी थीं। उन्होंने तलाक-ए-तफवीज का इस्तेमाल किया, जिसका हक उन्हें कानून-ए-शरीयत देती है।

इनमें एक महिला का नाम निशा हामिद अंसारी है। वह महेशपुर अटरिया की रहने वाली हैं। 2005 में उनका निकाह फरीदपुर कस्बे के जाहिद अंसारी से हुआ था। निशा का कहना है कि ससुराल में उनके साथ खराब रवैया अपनाया गया। निशा ने तंग आकर मुकदमा कर रखा है। पति न तो महर अदा कर रहा है और न ही तलाक दे रहा। उसने जिंदगी बर्बाद करने की धमकी दी है। निशा ने पति से छुटकारा पाने के लिए कचहरी आकर दो गवाहों की मौजूदगी में पति को तीन बार तलाक कहा और हलफनामे पर दस्तखत कर दिए। यह तमाम कार्रवाई अधिवक्ता काजी जुबेर अहमद की देखरेख में पूरी हुई।

तलाक का दूसरा मामला देवरनिया थाने के एक गांव का है। गांव का दबंग नाबालिग लड़की को उठाकर ले गया। जब अपहरण औैर पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा हुआ तो उसने समझौते के तहत 2014 लड़की से निकाह कर लिया। इसके बावजूद उसे ससुराल में तंग किए जाने का सिलसिला बना रहा। दहेज की मांग भी होती रही। ऐसे में युवती ने अपने पति से अलग होने का इरादा किया और तीन तलाक कहकर उसकी जिंदगी से बाहर आ गई। इस बारे में काजी जुबेर अहमद एडवोकेट के मुताबिक, तलाक- ए -तफवीज में इस बात का प्रावधान है कि पत्नी निकाह के वक्त पति से स्वयं को तलाक देने का हक हासिल कर लेती है। इसी हक का इस्तेमाल करते हुए दोनों महिलाओं ने खुद को पतियों से अलग किया है।

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