पीलीभीत में यह जानवर बना खेती में बाधा, डर के कारण खेतों पर नहीं जा पा रहे किसान

तेंदुए एक बछड़े पर हमला कर उसे पडोस के गन्ने मे खींच ले गया था। शीतकाल में बराही के जंगल से निकल कर बाघ तेंदुआ भालू आदि वन्यजीव गांव में आ जाते हैं। खतरे को देखते हुए लोग सामूहिक रूप से खेतों की ओर जा रहे है।

By Vivek BajpaiEdited By: Publish:Thu, 27 Jan 2022 05:46 PM (IST) Updated:Thu, 27 Jan 2022 05:46 PM (IST)
पीलीभीत में यह जानवर बना खेती में बाधा, डर के कारण खेतों पर नहीं जा पा रहे किसान
कलीनगर के चांदूपुर गांव में तेंदुआ छिपे होने की आशंका है

बरेली, जेएनएन। पीलीभीत के चांदूपुर गांव में गन्ने के खेतों में तेंदुआ के छिपे होने की आशंका से परेशान किसान अपना गन्ना काटने खेतों पर नहीं जा रहे हैं। एक दिन पहले ही तेंदुए एक बछड़े पर हमला कर उसे पडोस के गन्ने मे खींच ले गया था। शीतकाल में बराही के जंगल से निकल कर बाघ, तेंदुआ, भालू आदि वन्यजीव गांव में आ जाते हैं। तहसील क्षेत्र के विभिन्न गांव के लोग जंगल से निकलने वाले वन्यजीवों के कारण परेशान हैं। खतरे को देखते हुए लोग सामूहिक रूप से खेतों की ओर जा रहे है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा वन एवं वन्यजीव प्रभाग के अधिकारी कर्मचारी बाघ, तेंदुआ आदि की मानीटरिंग करने का दावा करते हैं। फिर भी लोग मानीटरिंग के दावे पर सवालिया निशान उठाते हैं। करीब सप्ताह भर पहले हरीपुर क्षेत्र में खारजा नहर पर तेंदुए को देखे जाने की चर्चा के बावजूद विभागीय अधिकारियों अंजान बने रहे। संभवतः वही तेंदुआ बंद नहरों को पार कर चांदूपुर पहुंच गया और बेसहारा बछडे को गन्ने के खेत में खींच ले गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस की सूचना पर आई टीम ने तेंदुआ की खोज भी नहीं की। जहां यह घटना हुई, उस क्षेत्र में दूर दूर तक गन्ने की फसल है। कलीनगर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अनिल पांडेय ने बताया कि गन्ने में तेंदुए के छिपे होने की आशंका से किसान परेशान हैं। किसानों ने गन्ना की कटाई छिलाई बंद कर दी है। उधर, वन दारोगा अजमेर सिंह कहते हैं कि तेंदुआ की मानटरिंग लगातार हो रही है।

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