धरने में भी रही बिजली संकट की गूंज

By Edited By: Publish:Mon, 01 Sep 2014 11:49 PM (IST) Updated:Mon, 01 Sep 2014 11:49 PM (IST)
धरने में भी रही बिजली संकट की गूंज

जागरण संवाददाता, बरेली: पूरे सूबे में सिर्फ चुनिंदा दस जिलों को बिजली आपूर्ति हो रही है। शेष जगह लोग बिजली के लिए तरस रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार को इससे कोई सरोकार नहीं है। वह जनता से लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार का बदला ले रही है। यह उद्गार आंवला विधायक धर्मपाल ने सोमवार को हुए धरने में व्यक्त किए। इसका आयोजन प्रदेश कार्यकारिणी के आह्वान पर चौकी चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर हुआ। सूबे के कानून व्यवस्था समेत अन्य समस्याओं के लिए आयोजित धरने में सबसे ज्यादा गूंज बिजली संकट की रही। धरने के बाद भाजपाइयों ने कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। फिर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारियों को सौंपा।

धरने पर शहर विधायक डॉ. अरूण कुमार ने कहा कि कानून व्यवस्था के तहत नई दफा ईजाद हुई। वह समाजवादी दफा है, जिसके तहत पुलिस खुलेआम सपा के नेताओं और गुंडों के दवाब में जनता का शोषण कर रही है। यही हाल बिजली आपूर्ति का है। इससे सीधे तौर पर आम जनता प्रभावित है, लेकिन सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है। यह भाजपाई किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। पूर्व मंत्री बहुरन लाल मौर्य ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह मनमानी पर उतारू है। इससे जनता बिजली के लिए भी त्राहि त्राहि कर रही है। महानगर अध्यक्ष पुष्पेन्दु शर्मा ने कहा कि जनता ने लोकसभा चुनाव में करारा जवाब दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार फिर भी नहीं सुधर रही है। वह लगातार समाज को बांटने का काम कर रही है। जिलाध्यक्ष राजकुमार शर्मा ने कहा कि बिजली समस्या के खिलाफ जल्द ही पार्टी स्तर पर बड़ा आंदोलन होगा, लेकिन इससे पहले पार्टी मंगलवार को व्यापार संगठन के बरेली बंद का पूर्ण समर्थन करती है। फिर सभी जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसीएम तृतीय उदयवीर सिंह को सौंपा। इसमें वीरेन्द्र अरोरा, गुलशन आनंद, आदेश प्रताप सिंह, डीसी वर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, परेश मिश्रा, नंहेलाल गंगवार, धर्मेद्र त्रिपाठी, छत्रपाल गंगवार, डॉ. निवेदिता श्रीवास्तव, रंजना सोलंकी, गीता श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

नहीं नजर आए कैंट विधायक

शहर में सोमवार को आयोजित धरना पार्टी कार्यकारिणी के आह्वान हुआ। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने स्पष्ट तौर सभी सांसदों को लखनऊ धरने में और विधायकों को क्षेत्र के धरने में मौजूद रहने को निर्देशित किया, लेकिन पिछली कई बार की तरह इस बार भी कैंट विधायक राजेश अग्रवाल धरना स्थल पर नहीं दिखे। यह बात पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी चर्चा में रही। ऐसे ही आंवला विधायक धरना समाप्ति से कुछ समय पूर्व ही पहुंचे। पूरे समय सिर्फ शहर विधायक डॉ.अरूण कुमार मौजूद रहे।

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