पीठासीन अधिकारी की मौत

By Edited By: Publish:Thu, 17 Apr 2014 05:02 AM (IST) Updated:Thu, 17 Apr 2014 01:00 AM (IST)
पीठासीन अधिकारी की मौत

जागरण संवाददाता, बरेली : निर्धारित मतदेय स्थल पर रवाना होते समय नरियावल मंडी में पीठासीन अधिकारी को दिल का दौरा पड़ गया। एंबुलेंस देर से पहुंची तो कर्मचारियों ने उपजिला निर्वाचन अधिकारी को घेरकर नारेबाजी की। दो घंटे बाद जब पीठासीन अधिकारी को जिला अस्पताल ले जाया गया तो वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने प्रशासन पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उधर पीलीभीत में चुनाव ड्यूटी पर रवाना होने से पहले हृदयाघात से एक पीठासीन अधिकारी की मौत हो गई।

सुरेश शर्मा नगर निवासी रमेश चंद्र शर्मा राजकीय निर्माण निगम में स्टेनो के पद पर कार्यरत थे। गुरुवार को होने वाले मतदान के लिए उनको पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया गया था और उनकी ड्यूटी बहेड़ी विधानसभा के बूथ पर लगी थी। ड्यूटी के लिए रमेश शर्मा सुबह सात बजे घर से निकले और मंडी समिति पहुंच कर उन्होंने अपना ड्यूटी कार्ड लिया। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और सामग्री लेकर पोलिंग पार्टी के साथ बस में बैठ गए। बस बहेड़ी के लिए रवाना होती, इससे पहले ही सुबह करीब नौ बजे बस में बैठे-बैठे उनको दिल का दौरा पड़ गया। उनके साथ ड्यूटी के लिए जा रहे लोगों ने जब उन्हें गिरते हुए देखा तो मंडी समिति में मौजूद अफसरों को सूचना दी। एंबुलेंस बुलाई गई तो उसे आने में देर लगी। इस बीच बहेड़ी विधानसभा के कर्मचारी नारेबाजी करने लगे। एंबुलेंस आने पर उन्होंने उपजिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार को घेरकर नारेबाजी की। उन्हें शांत करके पीठासीन अधिकारी को जिला अस्पताल भेजा गया। तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। दिल का दौरा पड़ने की खबर मिलते ही रमेश चंद्र शर्मा की पत्नी शकुंतला और छोटा बेटा सचिन जिला अस्पताल पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक रमेश चंद्र शर्मा का बड़ा बेटा जितेंद्र रेलवे में तो मझला बेटा आशीष बीएसएफ में कार्यरत है। परिजनों का आरोप है कि उन्हें तीन घंटे तक मेडिकल हेल्प नहीं मिल सकी। उधर जिला निर्वाचन अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि मृतक पीठासीन अधिकारी के कर्मचारियों को मुआवजा दिलाया जाएगा।

वहीं पीलीभीत में संवेदनहीनता के चलते बतौर पीठासीन अधिकारी नियुक्त प्रधानाध्यापक राम सिंह ने पोलिंग पार्टी रवानगी स्थल पर ही तड़प कर दम तोड़ दिया। कर्मी की मौत पर मंडी समिति में अफरातफरी मच गई। बावजूद इसके आधा घंटे तक किसी भी प्रशासनिक नुमाइंदे ने मृतक की ओर मुड़कर नहीं देखा। आक्रोशित कर्मियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

chat bot
आपका साथी